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29 नवंबर, 2022

5 हेल्थ इंश्योरेंस राइडर्स, जिनके बारे में आपको पता होना चाहिए

हेल्थ केयर की बढ़ती लागतों के कारण हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी आज एक ज़रूरत बन चुकी है. मेडिकल इंश्योरेंस हॉस्पिटलाइज़ेशन में हुए मेडिकल खर्चों को कवर करता है. हमारी सलाह है कि आप अपनी ज़रूरतें पूरी करने वाला इंश्योरेंस प्लान चुनें. पर्याप्त हेल्थ इंश्योरेंस कवरेज सुनिश्चित करने के लिए बेस प्लान में हेल्थ इंश्योरेंस राइडर जोड़कर प्लान को कस्टमाइज़ करें. हेल्थ इंश्योरेंस राइडर… हां, आपने बिल्कुल सही पढ़ा! कई हेल्थ इंश्योरेंस के प्रकार राइडर उपलब्ध हैं. इस आर्टिकल में हम हेल्थ इंश्योरेंस प्लान के राइडर के बारे में जानेंगे. लेकिन, ज़रा रुकिए! इससे पहले कि हम कम्प्रीहेंसिव हेल्थ इंश्योरेंस राइडर के विकल्पों को गहराई से जानें, आइए, बुनियादी बातों से शुरुआत करें.

राइडर क्या होता है?

आसान शब्दों में कहें तो, राइडर वह अतिरिक्त सुविधा है, जो इंश्योरेंस पॉलिसी के साथ प्रदान की जाती है. जब आप इंश्योरेंस प्लान में कोई राइडर जोड़ते हैं, तो आप किफायती प्रीमियम पर अतिरिक्त लाभ पाने के हकदार हो जाते हैं. बेस इंश्योरेंस पॉलिसी में राइडर जोड़ने से आपका प्लान और अधिक कम्प्रीहेंसिव हो जाता है. तो, जब आप हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में राइडर जोड़ते हैं, तो वह और बेहतर हो जाती है. हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम आयु, लिंग, प्लान का प्रकार, पॉलिसी अवधि आदि विभिन्न चीज़ों पर निर्भर करता है. अब, जबकि आप राइडर को समझ गए हैं, तो आइए हम विभिन्न उपलब्ध राइडर विकल्पों के बारे में और जानें.

हेल्थ इंश्योरेंस राइडर क्यों लेना चाहिए?

हर व्यक्ति की हेल्थ इंश्योरेंस की ज़रूरतें अलग-अलग होती हैं. इसलिए, हम हमेशा प्लान को कस्टमाइज़ करने की सलाह देते हैं. हेल्थ इंश्योरेंस राइडर लाभ जोड़ने से न केवल हॉस्पिटलाइज़ेशन के मेडिकल खर्चे कवर होते हैं, बल्कि किसी भी अनहोनी के लिए फाइनेंशियल सुरक्षा भी मिलती है. हम सभी जानते हैं कि अनहोनी बताकर नहीं आती है. क्या तैयार रहना बाद में पछताने से बेहतर नहीं है?

भारत में हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के साथ 05 राइडर विकल्प उपलब्ध हैं

हम ऐसे कुछ मुख्य राइडर के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में जोड़ने पर आपको विचार करना चाहिए:

1. हॉस्पिटल कैश राइडर

हॉस्पिटलाइज़ेशन किए जाने पर, इंश्योर्ड व्यक्ति को हॉस्पिटल में भर्ती किए गए दिनों की संख्या के हिसाब से राशि मिलती है. यह राशि अलग-अलग प्लान में अलग-अलग होती है. यह हॉस्पिटल में भर्ती रहने के दौरान हुए आमदनी के नुकसान की भरपाई करती है. इसके लिए हॉस्पिटलाइज़ेशन कम से कम 24 घंटे तक होने की शर्त पूरी होनी ज़रूरी है. इसके बारे में इंश्योरेंस कंपनी से पूछ सकते हैं.

2. क्रिटिकल इलनेस राइडर

हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते समय यह ज़रूर देखें कि वह कौन-कौन से गंभीर रोग कवर करती है. कुछ रोगों को कवर किए जाने की संभावना हो सकती है. हालांकि, आप बेस प्लान में क्रिटिकल इलनेस राइडर लाभ जोड़ सकते हैं. हम सुस्त जीवन जी रहे हैं, जिससे रोगों के होने की संभावा बढ़ जाती है. अगर पॉलिसीधारक पॉलिसी शिड्यूल में लिखे किसी भी गंभीर रोग से ग्रस्त होता है, तो ऐसे में यह राइडर काम आएगा. जब हेल्थ इंश्योरेंस प्लान खरीदने की बात आती है, तो हेल्थ केयर की ज़रूरतों को ठीक से समझना और फिर बुद्धिमानी से निर्णय लेना अहम होता है. अगर आपको पता न हो तो बता दें कि मार्केट में रोगों के हिसाब से भी हेल्थ इंश्योरेंस प्लान उपलब्ध हैं.

3. मैटरनिटी कवर राइडर

मार्केट में ऐसी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी हैं, जो आमतौर पर मैटरनिटी कवर नहीं देती हैं. हेल्थ पॉलिसी में मैटरनिटी कवर जोड़ने का मतलब है कि बच्चे के जन्म के दौरान हुए खर्च कवर होंगे. इस हेल्थ इंश्योरेंस कवरेज में मुख्य रूप से डिलीवरी की लागत शामिल होती है, लेकिन डिलीवरी से पहले के और बाद खर्चों के लिए सीमाएं निर्धारित होती हैं. साथ ही, हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी से पूछ लें कि वैक्सीन लगवाने के खर्चे कवर होंगे या नहीं. आमतौर पर ऐसे राइडर का लाभ, प्रतीक्षा अवधि समाप्त होने के बाद उठाया जा सकता है. प्रतीक्षा अवधि अलग-अलग इंश्योरेंस कंपनियों में अलग-अलग होती है.

4. एक्सीडेंट डिसेबिलिटी राइडर

अगर किसी दुर्घटना/हादसे के कारण पॉलिसीधारक दिव्यांग हो जाता है, तो इंश्योरेंस कंपनी पार्शियल या टोटल सम इंश्योर्ड का भुगतान करती है. यह राशि चोट की गंभीरता पर निर्भर करती है. अगर पॉलिसीधारक हमेशा के लिए दिव्यांग हो गया है, जैसे दोनों आंखों की रोशनी चले जाना, एक हाथ या पैर और एक आंख खो देना, दोनों हाथ, दोनों पैर खो देना, और वह काम नहीं कर सकता है, तो. इंश्योरेंस कंपनी टोटल सम इंश्योर्ड का भुगतान करेगी. अगर व्यक्ति आंशिक रूप से दिव्यांग हुआ है, तो इंश्योरेंस कंपनी चोट की गंभीरता के आधार पर सम इंश्योर्ड के एक हिस्से का भुगतान करेगी. जैसे, अगर पॉलिसीधारक एक हाथ या पैर या आंख खो देता है, तो सम इंश्योर्ड का 50% मिलेगा. सुनाई देना बंद हो जाने के मामले में, सम इंश्योर्ड का 15% मिलेगा. *नियम व शर्तें लागू

5. रूम रेंट वेवर

अगर व्यक्ति चाहता है कि कमरे के किराए पर कोई भी ऊपरी लिमिट या सब-लिमिट न हो, तो उसे इंश्योरेंस पॉलिसी में यह राइडर चुनना चाहिए. आमतौर पर, हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में कमरे के प्रकार, जैसे सेमी-प्राइवेट कमरा, आदि के आधार पर किराए की अधिकतम राशि पहले से तय होती है. कमरे के किराए में छूट से इंश्योर्ड व्यक्ति को कोई भी अतिरिक्त स्वीकार्य शुल्क चुकाए बिना हॉस्पिटल में मनचाहे प्रकार का कमरा चुनने की सुविधा मिल जाती है. डिस्क्लेमर: विभिन्न इंश्योरेंस कंपनियों के नियमों और शर्तों में बदलाव हो सकते हैं.

संक्षेप में

राइडर हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को अधिक कम्प्रीहेंसिव और सुरक्षित बनाते हैं. हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में राइडर होना अधिक किफायती साबित होता है. साथ ही, यह समझना भी ज़रूरी है कि आपको हर हेल्थ इंश्योरेंस राइडर की ज़रूरत नहीं है. अपनी ज़रूरत के अनुसार हेल्थ इंश्योरेंस राइडर चुनें. किफायती हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम चुकाकर देखभाल और बेहतर कवरेज का लाभ उठाएं.

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