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Car Insurance in India: Discover Why It's Mandatory

  • Motor Blog

  • 12 सितंबर 2024

  • 1067 Viewed

Contents

  • मोटर वाहन अधिनियम को समझें
  • मोटर वाहन अधिनियम के प्रमुख प्रावधान
  • भारत में कार इंश्योरेंस पॉलिसी के प्रकार
  • कार इंश्योरेंस खरीदने के क्या लाभ हैं?
  • भारत में कार इंश्योरेंस कैसे खरीदें?

भारत में लोगों की बड़ी आबादी के साथ-साथ कारों की भी एक बड़ी आबादी है जिसे मैनेज करना मुश्किल है. हमेशा बढ़ते जाने वाले ट्रैफिक में वाहनों की संख्या बढ़ने से और इज़ाफा हो रहा है जिससे दुर्घटनाओं की संभावना भी बढ़ रही है. दुर्घटनाएं कार मालिक, उनके परिवार और दुर्घटना में शामिल किसी भी थर्ड-पार्टी को तबाह कर सकती हैं. दुर्घटना में शामिल व्यक्ति तनाव और फाइनेंशियल नुकसान से घिर जाते हैं. पर अच्छी खबर यह है कि भारत सरकार ने थर्ड-पार्टी कार इंश्योरेंस का होना अनिवार्य बना दिया है.

मोटर वाहन अधिनियम को समझें

भारत में मोटर वाहन अधिनियम यह अनिवार्य करता है कि सार्वजनिक स्थानों पर चलने वाले सभी वाहनों में मान्य मोटर वाहन इंश्योरेंस होना चाहिए. बेसिक इंश्योरेंस प्लान चुनते समय भी, वाहन मालिकों के पास थर्ड-पार्टी लायबिलिटी इंश्योरेंस पॉलिसी होनी चाहिए. यह थर्ड-पार्टी कवर वाहन मालिक या किसी अन्य ड्राइवर के कारण होने वाली दुर्घटना के मामले में आवश्यक है, जो थर्ड पार्टी को होने वाले नुकसान या चोटों से फाइनेंशियल सुरक्षा प्रदान करता है. हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि इस प्रकार का इंश्योरेंस इंश्योर्ड वाहन या मालिक को हुए नुकसान को कवर नहीं करता है.

मोटर वाहन अधिनियम के प्रमुख प्रावधान

इस मोटर वाहन अधिनियम, 1988, भारतीय संसद द्वारा संशोधित, 1 जुलाई 1989 को प्रभावी हुआ . यह परिवहन के विभिन्न पहलुओं को नियंत्रित करता है, जिनमें शामिल हैं:

  1. ड्राइवर और कंडक्टरों का लाइसेंस
  2. वाहन रजिस्ट्रेशन
  3. वाहन संचालन के लिए परमिट जारी करना
  4. ट्रैफिक नियम और विनियम
  5. देयता, अपराध और दंड
  6. इंश्योरेंस की आवश्यकताएं

यह अधिनियम इस बात पर जोर देता है कि वाहन मालिकों को ड्राइविंग करते समय हमेशा अपने मोटर वाहन इंश्योरेंस डॉक्यूमेंट साथ रखना चाहिए.

कार इंश्योरेंस अनिवार्य क्यों है?

भारत में कार दुर्घटनाओं की संख्या काफी अधिक है. ऐसी दुर्घटनाओं की लागत आम तौर पर इतनी अधिक होती है कि उसे वहन करना एक अकेले व्यक्ति के बूते की बात नहीं होती है. ऐसे में, फोर-व्हीलर थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस का होना उपयोगी सिद्ध होता है. मोटर व्हीकल एक्ट, 1988 के सेक्शन 146 के अनुसार, भारत में थर्ड-पार्टी कार इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदना अनिवार्य है. जिन व्यक्तियों के पास कार इंश्योरेंस है और उनके साथ दुर्घटना होती है तो वे सीधे अपनी कार इंश्योरेंस कंपनी से संपर्क कर सकते हैं. इंश्योरेंस कंपनी क्लेम सेटलमेंट देकर दुर्घटना की लागत वहन करने में मदद दे सकती है. थर्ड-पार्टी कार इंश्योरेंस आम तौर पर वाहन के डैमेज, शारीरिक चोटों, प्रॉपर्टी के डैमेज और दुर्घटनावश मृत्यु को कवर करता है. हालांकि, अगर किसी नशीली चीज़ के प्रभाव में होने के कारण दुर्घटना होती है तो इंश्योरेंस कंपनी तुरंत क्लेम अस्वीकार कर सकती है. अगर आपने हाल ही में कार खरीदी है तो आप  ऑनलाइन कार इंश्योरेंस कैलकुलेटर का उपयोग करके प्रीमियम का अनुमान लगा सकते हैं. थर्ड-पार्टी कार इंश्योरेंस अनिवार्य है, लेकिन अधिकांश व्यक्ति संपूर्ण सुरक्षा पाने के लिए कम्प्रीहेंसिव कार इंश्योरेंस खरीदना पसंद करते हैं. कम्प्रीहेंसिव कवर आमतौर पर थर्ड-पार्टी देयता, मरम्मत, मेंटेनेंस और दुर्घटनाओं, आग, चोरी या प्राकृतिक आपदा से होने वाले डैमेज को कवर करता है. यह कई विपत्तियों के लिए संपूर्ण कवरेज देकर कार को सुरक्षा देता है. आप विभिन्न ऑनलाइन कार इंश्योरेंस
प्लान चेक कर सकते हैं और अपनी ज़रूरतों के अनुसार प्लान चुन सकते हैं. *

भारत में कार इंश्योरेंस पॉलिसी के प्रकार

समझें कार इंश्योरेंस के प्रकार उपलब्ध होने से आपको अपनी ज़रूरतों के लिए सर्वश्रेष्ठ कवरेज चुनने में मदद मिल सकती है.

1. थर्ड-पार्टी कार इंश्योरेंस पॉलिसी

  1. सबसे किफायती और बुनियादी प्रकार का कार इंश्योरेंस.
  2. किसी अन्य वाहन, व्यक्ति या प्रॉपर्टी को होने वाले नुकसान सहित थर्ड-पार्टी लायबिलिटी के लिए कवरेज प्रदान करता है.
  3. इंश्योर्ड वाहन के कारण थर्ड पार्टी की चोट या मृत्यु को कवर करता है.
  4. सीमित मार्केट वैल्यू वाले पुराने वाहनों के लिए उपयुक्त.

2. व्यापक कार इंश्योरेंस पॉलिसी

  1. इंश्योर्ड वाहन के लिए व्यापक सुरक्षा प्रदान करता है.
  2. प्राकृतिक या मानव निर्मित आपदाओं के कारण होने वाली चोरी, टक्कर, आग और नुकसान को कवर करता है.
  3. थर्ड-पार्टी लायबिलिटी के साथ-साथ इंश्योर्ड वाहन को होने वाले नुकसान के लिए कवरेज भी शामिल है.
  4. कवरेज को बढ़ाने के लिए वैकल्पिक ऐड-ऑन उपलब्ध हैं.

3. ऐड-ऑन इंश्योरेंस कवर

  1. बेसिक और कॉम्प्रिहेंसिव पॉलिसी के अलावा अतिरिक्त लाभ प्रदान करता है.
  2. लोकप्रिय ऐड-ऑन में ये शामिल हैं:
  • Zero Depreciation Cover: Ensures full claim without factoring depreciation of vehicle parts.
  • Roadside Assistance: Offers support in case of breakdowns.
  • Engine Protection Cover: Covers engine repair or replacement costs.
  • NCB (No Claim Bonus) Protection: Retains discounts on premiums despite claims.
  • Geographical Extension Cover: Extends coverage to other regions.
  • Consumables Protection Cover: Covers costs of consumable items like nuts, bolts, and engine oil.

मोटर वाहन अधिनियम और उपलब्ध इंश्योरेंस विकल्पों को समझकर, आप कानून का अनुपालन सुनिश्चित कर सकते हैं और फाइनेंशियल देयताओं से खुद को सुरक्षित कर सकते हैं.

कार इंश्योरेंस खरीदने के क्या लाभ हैं?

जैसा ऊपर बताया गया है, कार मालिक भारत में दो प्रकार के कार इंश्योरेंस में से चुन सकते हैं: थर्ड-पार्टी कार इंश्योरेंस या कम्प्रीहेंसिव कार इंश्योरेंस. हालांकि फोर-व्हीलर थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस
होना कानूनन अनिवार्य है, पर इससे पर्याप्त कवरेज नहीं मिलती है. इसलिए, कई व्यक्ति संपूर्ण सुरक्षा पाने के लिए इसकी बजाए कम्प्रीहेंसिव कवरेज चुनते हैं. कार इंश्योरेंस के प्रमुख लाभ जानने के लिए आगे पढ़ें:

• फाइनेंशियल कवरेज देता है

कार इंश्योरेंस खरीदने का सबसे महत्वपूर्ण लाभ यह है कि यह इंश्योरेंस इंश्योर्ड वाहन को होने वाले डैमेज या नुकसान की कवरेज देता है. कम्प्रीहेंसिव कार इंश्योरेंस पॉलिसी दुर्घटनाओं के साथ-साथ चोरी, आग और प्राकृतिक आपदाओं की कवरेज भी देती है. यानी अगर कार चोरी हो जाए, तो मालिक इंश्योरेंस कंपनी से भरपाई का क्लेम कर सकता है. इसी प्रकार, अगर कार को आग या प्राकृतिक आपदा में डैमेज होता है, तो मालिक इंश्योरेंस कंपनी से भरपाई का क्लेम कर सकता है. *

• नो क्लेम बोनस

कार इंश्योरेंस खरीदने का एक और लाभ यह है कि नो-क्लेम बोनस (NCB). एनसीबी प्रीमियम पर मिलने वाला डिस्काउंट है जो इंश्योरेंस कंपनियां तब देती हैं जब कार मालिक ने पॉलिसी अवधि में एक भी क्लेम न किया हो. प्रत्येक क्लेम-फ्री वर्ष के साथ डिस्काउंट बढ़ता है, जो पांच वर्षों के बाद अधिकतम 50% तक होता है. यह कार मालिकों को सुरक्षित रूप से गाड़ी चलाने और ट्रैफिक नियमों का पालन करने के लिए प्रोत्साहित करता है, जिससे भारतीय सड़कों पर दुर्घटनाओं की संख्या कम हो जाती है. एनसीबी पाने के लिए कार इंश्योरेंस रिन्यूअल समय पर रिन्यू करवाना ज़रूरी होता है. *

• तनाव-मुक्त सुरक्षा

कार इंश्योरेंस के होने से कार मालिकों को मन की शांति मिलती है, क्योंकि उन्हें पता होता है कि किसी भी अप्रत्याशित घटना के मामले में वे फाइनेंशियल रूप से सुरक्षित हैं. कम्प्रीहेंसिव कार इंश्योरेंस पॉलिसी इंश्योर्ड वाहन को हुए डैमेज, ड्राइवर या यात्रियों की चोट या मृत्यु और थर्ड-पार्टी देयता सहित विभिन्न प्रकार के जोखिमों की कवरेज देती है. इससे सुनिश्चित होता है कि कार मालिक ऐसे जोखिमों से उत्पन्न होने वाले फाइनेंशियल नुकसान से सुरक्षित हैं. *

भारत में कार इंश्योरेंस कैसे खरीदें?

You can easily buy car insurance offline through various channels available. If you are wondering whether to buy online or offline, read further:

• ऑनलाइन क्यों?

कार इंश्योरेंस ऑनलाइन खरीदना तेज़ और आसान होता है. आप सीधे इंश्योरेंस कंपनी की वेबसाइट से पॉलिसी खरीद सकते हैं. अधिकांश वेबसाइट पर आपको विभिन्न पॉलिसी की तुलना करने, कोटेशन देखने, और ऑनलाइन इंश्योरेंस खरीदने की सुविधा मिलती है. आप अपनी कवरेज आवश्यकताओं को आंकने के लिए ऑनलाइन कार इंश्योरेंस कैलकुलेटर का उपयोग कर सकते हैं. आप आपकी ज़रूरतों को पूरा करने वाला प्लान चुनकर उसे आसानी से खरीद सकते हैं. *

• ऑफलाइन क्यों?

Car owners who prefer to purchase insurance offline can do so by visiting the nearest branch office of the insurance company. They can meet with a representative, discuss their requirements, and choose the policy that best suits their needs. The representative can also provide guidance and assistance with the documentation and payment process. Several individuals may also prefer to buy a car insurance policy through insurance agents. *

Car insurance is mandatory in India for several reasons. The reason is to proect the interest of the public, promote safe driving habits, and offer financial protection to car owners. Having a valid car insurance policy is essential to comply with the law and ensure that you are financially protected in case of any unforeseen events.

*मानक नियम व शर्तें लागू   बीमा आग्रह की विषयवस्तु है. लाभों, शामिल न की गई चीज़ों, सीमाओं, नियम और शर्तों के बारे में अधिक जानकारी के लिए, कृपया इंश्योरेंस खरीदने से पहले सेल्स ब्रोशर/पॉलिसी डॉक्यूमेंट को ध्यान से पढ़ें.   

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