कार मालिक होने के नाते आपको अपनी कार के रजिस्ट्रेशन और पीयूसी के साथ-साथ इंश्योरेंस करवाने की अनिवार्यता की भी जानकारी होनी चाहिए. मोटर व्हीकल एक्ट द्वारा निर्धारित यह नियम भारत में न केवल कार मालिकों के लिए, बल्कि सभी प्रकार के वाहनों के मालिकों के लिए इंश्योरेंस लेना कानूनन अनिवार्य करता है, चाहे निजी वाहन हो या कमर्शियल. जब आप
कार इंश्योरेंस ऑनलाइनखरीदते हैं, तो आपको दो तरह की पॉलिसी देखने को मिलती है - थर्ड पार्टी कवर और कम्प्रीहेंसिव इंश्योरेंस कवर. थर्ड-पार्टी पॉलिसी वह है, जिसमें केवल पॉलिसीधारक की थर्ड पार्टी देयताओं को कवर किया जाता है. ऐसी देयताएं, दुर्घटना के कारण किसी तीसरे व्यक्ति को चोट लगने या प्रॉपर्टी को नुकसान होने के कारण उत्पन्न हो सकती हैं. इसके विपरीत, कम्प्रीहेंसिव प्लान न केवल थर्ड पार्टी देयताओं के लिए, बल्कि पॉलिसीधारक की कार को होने वाले नुकसान के लिए भी कवर प्रदान करते हैं. आपके वाहन को हुए नुकसान के लिए फाइनेंशियल सुरक्षा प्रदान करने के अलावा, कम्प्रीहेंसिव पॉलिसी नो-क्लेम बोनस (एनसीबी) जैसे अन्य लाभ भी प्रदान करती है. यह रिन्यूअल पर मिलने वाला लाभ है, जिसे इंश्योरर आपको इंश्योरेंस क्लेम न करने पर प्रदान करता है. जब कोई क्लेम नहीं होता, तो इंश्योरेंस कंपनी को कोई क्षतिपूर्ति भी प्रदान नहीं करनी पड़ती, इसलिए पॉलिसीधारक को यह रिन्यूअल लाभ प्रदान किया जाता है. इस तरह, कोई भी क्लेम न करके, आप अपने रिन्यूअल प्रीमियम में छूट का लाभ उठा सकते हैं.
नो-क्लेम बोनस कैसे कैलकुलेट होता है?
कम्प्रीहेंसिव कार इंश्योरेंस प्लान में तीन विशेषताएं होती हैं - थर्ड पार्टी कवर, ओन डैमेज कवर और पर्सनल एक्सीडेंट कवर. इन तीन इंश्योरेंस कवर में से, थर्ड-पार्टी कवर, इंश्योरेंस की न्यूनतम आवश्यकता है, जिसका प्रीमियम इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (आईआरडीएआई) द्वारा तय किया जाता है. वहीं ओन-डैमेज कवर का प्रीमियम, इंश्योरेंस कंपनी द्वारा तय किया जाता है. इसलिए, नो क्लेम बोनस के आधार पर कोई भी छूट ओन डैमेज कवर पर प्रदान की जाती है. छूट की राशि ओन-डैमेज प्रीमियम के प्रतिशत के रूप में होती है, और यह लगातार क्लेम मुक्त पॉलिसी अवधियों के लिए 20% से शुरू होकर 50% तक होती है. अधिक जानकारी के लिए आप आईआरडीएआई की ऑफिशियल वेबसाइट पर जा सकते हैं. * मानक नियम व शर्तें लागू. उदाहरण के तौर पर - अगर आप एक पॉलिसी अवधि के दौरान कोई क्लेम नहीं करते हैं, तो इंश्योरर ओन-डैमेज कवर के प्रीमियम पर 20% की रिन्यूअल छूट प्रदान करता है. इसी तरह, लगातार दूसरी पॉलिसी अवधि में क्लेम न करने पर यह बढ़कर 25% हो जाती है, और लगातार तीसरी, चौथी और पांचवीं पॉलिसी वर्ष के दौरान क्लेम न करने पर, यह क्रमश: 35%, 45% और 50% हो जाती है. पांच पॉलिसी वर्ष के बाद, प्रतिशत में वृद्धि नहीं होती और यह वृद्धि 50% पर ही सीमित रहती है. आप उपयोग करें
कार इंश्योरेंस कैलकुलेटर जो एक सुविधाजनक टूल है और इससे आप आसानी से अपनी इंश्योरेंस पॉलिसी का रिन्यूअल लाभ जान सकते हैं. इसे नीचे दी गई टेबल में संक्षिप्त में बताया गया है:
लगातार क्लेम-फ्री पॉलिसी की अवधि |
ओन-डैमेज प्रीमियम में कमी का प्रतिशत |
एक क्लेम-फ्री अवधि |
20% |
लगातार दो क्लेम-फ्री अवधियां |
25% |
लगातार तीन क्लेम-फ्री अवधियां |
35% |
लगातार चार क्लेम-फ्री अवधियां |
45% |
लगातार पांच क्लेम-फ्री अवधियां |
50% |
* मानक नियम व शर्तें लागू. मान लें कि श्री राकेश एक कम्प्रीहेंसिव पॉलिसी खरीदते हैं, जिसका कुल प्रीमियम रु. 20,000 है और उसमें थर्ड पार्टी प्रीमियम रु. 3000 है. बाकी रु. 17,000 की राशि ओन-डैमेज प्रीमियम के लिए है. अब मान लें कि श्री राकेश लगातार पांच पॉलिसी वर्षों में कोई क्लेम नहीं करते हैं, तो उनके पास ओन-डैमेज प्रीमियम के लिए 50% नो-क्लेम बोनस जमा हो जाएगा. इससे ओन-डैमेज प्रीमियम रु. 8,500 घट जाएगा. यानी, रिन्यूअल के समय रु. 20,000 की बजाए कुल रु. 11,500 का प्रीमियम देना होगा, जो कि एक अच्छी-खासी बचत है. * मानक नियम व शर्तें लागू. नो क्लेम बोनस कार इंश्योरेंस पॉलिसी की एक विशेषता है, क्योंकि इससे आप
कार इंश्योरेंस की कीमत, में अच्छी-खासी बचत कर सकते हैं. साथ ही, एनसीबी दूसरी इंश्योरेंस कंपनी में ट्रांसफर भी हो सकता है, यानी आपको इंश्योरेंस कंपनी बदलते समय यह लाभ खोने की चिंता करने की कोई ज़रूरत नहीं है. बीमा आग्रह की विषयवस्तु है. लाभों, शामिल न की गई चीज़ों, सीमाओं, नियमों और शर्तों के बारे में और जानकारी के लिए, कृपया खरीद पूरी करने से पहले बिक्री ब्रोशर/पॉलिसी वर्णन ध्यान से पढ़ें.
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