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Motor Blog
11 मई 2024
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एक वाहन मालिक होने के नाते आपके पास अपने वाहन से संबंधित तीन महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंट – वाहन का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, उसका पीयूसी सर्टिफिकेट और उसकी मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी और एक आपसे संबंधित डॉक्यूमेंट, यानी आपका ड्राइविंग लाइसेंस होने ही चाहिए. ये चारों डॉक्यूमेंट महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि आपके वाहन चला रहे होने के दौरान कभी-भी ट्रैफिक पुलिस कर्मी आपसे उन्हें दिखाने को कह सकते हैं. इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि आप इस आवश्यकता को अनदेखा न करें. उनमें से कोई भी डॉक्यूमेंट नहीं होने पर भारी जुर्माना लग सकता है. वाहन का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट और आपका ड्राइविंग लाइसेंस, उनके नाम से ही साफ है कि वे क्या हैं. वहीं मोटर इंश्योरेंस
पॉलिसी यह सुनिश्चित करती है कि आपकी पॉलिसी कवरेज के आधार पर इंश्योरेंस कंपनी आपके वाहन को हुए डैमेज या थर्ड-पार्टी कानूनी देयताओं को कवर करे. अब बात करते हैं चौथे डॉक्यूमेंट की, ये पीयूसी सर्टिफिकेट क्या होता है?
बस कहने के लिए, एक पीयूसी सर्टिफिकेट, या पोल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट, एक डॉक्यूमेंट है जो आपके वाहन के उत्सर्जन स्तर को प्रमाणित करता है. वाहन चाहे कार हो या बाइक, पर्सनल हो या कमर्शियल, हर वाहन का पीयूसी सर्टिफिकेट होना ज़रूरी है. फ्यूल चालित वाहनों से कार्बन मोनोऑक्साइड जैसी हानिकारक गैसें बाहर निकलती हैं, इसलिए उनके स्तरों पर नज़र रखना महत्वपूर्ण है. इसलिए, पीयूसी सर्टिफिकेट एक अनिवार्यता है. सेंट्रल मोटर व्हीकल रूल, 1989 के अनुसार पीयूसी सर्टिफिकेट अनिवार्य है.
पीयूसी सर्टिफिकेट में निम्नलिखित जानकारी शामिल होती है:
But is the PUC certificate mandatory for a motor insurance policy? Also Read: Indian Motor Vehicle Act, 1988: Features, Rules & Penalties
नियामक संस्था, Insurance Regulatory and Development Authority of India (IRDAI) ने सभी इंश्योरेंस कंपनियों को निर्देश जारी किया है कि अगर वाहन के पास पीयूसी सर्टिफिकेट नहीं है, तो मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी जारी न करें. यानी, आपकी मोटर इंश्योरेंस कवरेज को रिन्यू कराने के लिए मान्य पीयूसी सर्टिफिकेट अनिवार्य है. यह नियम सभी मोटर इंश्योरेंस के प्रकार प्लान पर लागू होता है, फिर चाहे वह थर्ड-पार्टी पॉलिसी हो या कम्प्रीहेंसिव प्लान हो. पॉलिसी रिन्यूअल के समय पीयूसी सर्टिफिकेट को अनिवार्य करने का नियामक संस्था का यह निर्णय, सुप्रीम कोर्ट के अगस्त 2017 के ऑर्डर के आधार पर आया है.
हां, जुलाई 2018 में इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IRDAI) द्वारा जारी सर्कुलर के अनुसार, इंश्योरेंस कंपनियां केवल तभी वाहन इंश्योरेंस पॉलिसी को रिन्यू कर सकती हैं, जब मालिक मान्य पीयूसी सर्टिफिकेट प्रदान करता है.
नहीं, अमान्य पीयूसी सर्टिफिकेट इंश्योरेंस क्लेम को अस्वीकार करने का एकमात्र कारण नहीं हो सकता है. 2020 के IRDAI सर्कुलर के अनुसार, इंश्योरर PUC सर्टिफिकेट की अनुपस्थिति या समाप्ति के आधार पर क्लेम को अस्वीकार नहीं कर सकते हैं. हालांकि, मान्य पीयूसी सर्टिफिकेट के बिना ड्राइव करना गैरकानूनी है. नियमित रूप से आपके वाहन की जांच करने से यह सुनिश्चित होता है कि यह अच्छी स्थिति में रहता है, उत्सर्जन मानदंडों का पालन करता है, और आपको कानून का अनुपालन करता है.
नहीं, 26th अगस्त, 2020 को जारी आईआरडीएआई के सर्कुलर में यह स्पष्ट किया गया है कि इंश्योरेंस कंपनी मान्य पीयूसी सर्टिफिकेट नहीं होने पर वाहन इंश्योरेंस क्लेम अस्वीकार नहीं कर सकती है. हालांकि, इसका यह मतलब नहीं कि पीयूसी सर्टिफिकेट वैकल्पिक है. सड़कों पर चलने वाले सभी वाहनों के लिए यह सर्टिफिकेट अनिवार्य है. लेकिन, अगर आपके पास मान्य पीयूसी सर्टिफिकेट नहीं है, तो आपका इंश्योरेंस क्लेम प्रभावित नहीं होगा.
When you purchase a new vehicle, the PUC certificate is valid for a period of one year from the manufacturing date. Following this period, its renewal must be done periodically. Usually, it is valid for a period of six months to one year. However, depending on the readings, its validity is decided. These regulations apply to both, petrol and diesel vehicles. Also Read: Key Features of Motor Vehicles Insurance Act Explained
पीयूसी टेस्ट की प्रक्रिया डीज़ल वाहनों और पेट्रोल वाहनों के लिए थोड़ी अलग होती है. डीज़ल वाहनों के मामले में, एक्सीलरेटर पूरा दबाकर रीडिंग नोट की जाती है. यह प्रक्रिया पांच बार दोहराई जाती है और इन पांच रीडिंग का औसत, फाइनल रीडिंग होता है. वहीं दूसरी ओर, पेट्रोल वाहनों के मामले में, वाहन के इंजन को बिना किसी एक्सीलरेशन के चालू छोड़ा जाता है. एक सिंगल रीडिंग ली जाती है और वही फाइनल रीडिंग होती है.
To ensure your vehicle has a valid PUC certificate, you need to visit a government-authorised testing facility. Mostly, these testing centres are located in a fuel station. On examining the emission readings of your vehicle, the testing facility immediately issues the PUC certificate. Also Read: How to Claim Car Insurance After an Accident in India?
इलेक्ट्रिक वाहनों के चलते समय उनसे कोई धुआं या गैस नहीं निकलती है, इसलिए उन्हें पीयूसी सर्टिफिकेट की ज़रूरत नहीं होती है. अब जबकि आप जानते हैं कि आपको अपनी मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी के रिन्यूअल के लिए पीयूसी सर्टिफिकेट की ज़रूरत है, आपको पॉलिसी रिन्यूअल के समय इन कुछ और चीज़ों को भी ध्यान में रखना चाहिए.
वैसे तो थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस कवर न्यूनतम कानूनी आवश्यकता है, लेकिन कम्प्रीहेंसिव मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी चुनने से व्यापक इंश्योरेंस कवरेज मिलती है. इस पॉलिसी से सुनिश्चित होता है कि आपके वाहन को थर्ड-पार्टी कानूनी देयताओं के साथ-साथ उसके खुद के डैमेज के लिए भी इंश्योर्ड किया जाए. * एक और बात, अपने लिए बेस्ट पॉलिसी चुनते समय, उपलब्ध विकल्पों की तुलना करना न भूलें. इस प्रोसेस में, वाहन इंश्योरेंस कैलकुलेटर काम आ सकता है. इस उपयोगी टूल से, न केवल विभिन्न प्लान की कीमतों के आधार पर, बल्कि उनकी उन विशेषताओं के आधार पर भी उनकी तुलना आसानी से की जा सकती है जो आपके लिए उपयोगी हैं. अंत में, यह सुनिश्चित करें कि वाहन चलाते समय आपके पास ऊपर बताए गए चारों डॉक्यूमेंट हों. इससे सुनिश्चित होगा कि जुर्माने चुकाने की नौबत न आए, नहीं तो, वे जुर्माने कुल मिलाकर आपको बड़ा आर्थिक नुकसान दे जाएंगे. कुछ जुर्मानों के साथ तो जेल भी हो सकती है. बीमा आग्रह की विषयवस्तु है. लाभों, शामिल न की गई चीज़ों, सीमाओं, नियम और शर्तों के बारे में अधिक जानकारी के लिए, कृपया इंश्योरेंस खरीदने से पहले सेल्स ब्रोशर/पॉलिसी डॉक्यूमेंट को ध्यान से पढ़ें. * मानक नियम व शर्तें लागू # अधिक जानकारी के लिए आईआरडीएआई की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाएं.
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