क्रिटिकल इलनेस क्या है?
क्रिटिकल इलनेस को गंभीर बीमारी या खतरनाक बीमारी कहा जाता है और ये बीमारियां इंश्योरेंस पॉलिसी के हिस्से के तौर पर पहले से निर्धारित लिस्ट में रहती हैं. अगर पॉलिसीधारक को निर्धारित गंभीर बीमारियों में से कोई बीमारी होती है, तो उसे लंपसम कैश भुगतान कर दिया जाता है. इसे क्रिटिकल इलनेस कवर भी कहते हैं.
क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस कवर विभिन्न जानलेवा बीमारियों के लिए फाइनेंशियल सुरक्षा देता है. कवर की गईं गंभीर बीमारियों की लिस्ट कंपनी की ओर से मिलती है, जिसके तहत कंपनी, व्यक्ति के गंभीर बीमारी से ग्रस्त होने पर होने वाले सारे खर्चों के लिए कवरेज देने का भरोसा देती है. यह कवर खास तौर पर कई जानलेवा बीमारियों से सुरक्षा देने के लिए डिज़ाइन किया गया है. इन
हेल्थ इंश्योरेंस के प्रकार से यह सुनिश्चित होता है कि बीमारियों के कारण फाइनेंशियल बोझ न पड़ जाए. इसलिए, अपनी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में क्रिटिकल इलनेस कवर या इंश्योरेंस जोड़ना एक समझदारी भरा कदम है. क्रिटिकल इलनेस के कुछ मुख्य उदाहरण, किडनी फेलियोर, हार्ट अटैक, पैरालिसिस, कैंसर आदि बीमारियां हैं. नीचे उन क्रिटिकल इलनेस की लिस्ट दी गई है, जिनसे व्यक्ति के ग्रस्त होने पर कंपनी खर्चों का भुगतान करती है.
36 क्रिटिकल इलनेस की लिस्ट
36 क्रिटिकल इलनेस निम्न हैं.
- हार्ट अटैक
- शरीर में असामान्यताओं या दोषों के कारण हार्ट वाल्व रिप्लेसमेंट.
- लैपरॉटमी या थोरैकॉटमी की मदद से एओरटा की सर्जरी.
- किडनी फेलियर
- स्ट्रोक
- कैंसर
- किसी प्रमुख अंग जैसे दिल, किडनी, फेफड़ों, लिवर, या बोन मैरो का ट्रांसप्लांटेशन
- फुलमिनेंट वायरल हेपेटाइटिस यानि लिवर में किसी वायरस के कारण बड़े पैमाने पर नेक्रोसिस, जिससे लिवर फेल हो सकता है
- मल्टीपल स्क्लेरोसिस
- प्राइमरी पल्मोनरी आर्टेरिअल हाइपरटेंशन
- एक या सभी हाथों और/या पैरों के पूर्ण और स्थायी नुकसान वाला लकवा, जिसे पैराप्लेजिया भी कहते हैं
- स्थायी या पूर्ण बहरापन
- स्थायी या पूर्ण अंधता
- स्थायी गूंगापन
- पार्किंसन रोग
- कोमा
- डीजनरेटिव ब्रेन डिसऑर्डर या अल्ज़ाइमर रोग
- थर्ड-डिग्री बर्न या शरीर के कम से कम 20% अंग को कवर करने वाले बर्न
- लाइलाज बीमारी
- मोटर न्यूरॉन रोग
- फेफड़ों का पुराना रोग
- लिवर का पुराना रोग
- सिर की कोई बड़ी चोट
- मसल डिस्ट्रॉफी
- क्रोनिक परसिस्टेंट बोन मैरो फेलियोर, जिससे एनीमिया होता है
- कैंसर रहित ब्रेन ट्यूमर
- इनसेफलाइटिस
- पोलियो
- मस्तिष्क की झिल्लियों या मेरुदंड में सूजन के कारण बैक्टीरियल मेनिंजाइटिस
- क्रेनियॉटमी या मस्तिष्क की सर्जरी
- पूरी तरह विकसित एड्स
- मेडिकल स्टाफ से हुआ एड्स, बशर्ते वह किसी चोट के कारण या दूषित खून के संपर्क में आने से हुआ हो
- अगर व्यक्ति को इन्फेक्टेड खून चढ़ाने से एड्स हुआ है
- ब्रेन कॉर्टेक्स का यूनिवर्सल नेक्रोसिस या अपैलिक सिंड्रोम
- तीन बड़ी धमनियों - सरकमफ्लेक्स, आरसीए (राइट कोरोनरी आर्टरी) और एलएडी (लेफ्ट एंटीरियर डिसेंडिंग आर्टरी) - के संकुचन के कारण होने वाली दिल की विभिन्न गंभीर बीमारियां.
ऊपर लिखी बीमारियां क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस की कैटेगरी में आती हैं. अगर व्यक्ति इस इंश्योरेंस के लिए क्लेम करना चाहता है, तो उसके पास आवश्यकता के अनुसार ब्लड टेस्ट, एमआरआई, या सीटी स्कैन होना चाहिए, जिससे उसकी बीमारी का सत्यापन किया जाएगा. यह सत्यापन किसी सर्टिफाइड मेडिकल पेशेवर की निगरानी में किया जाएगा. यह प्रोसीज़र पारदर्शी तरीके से होना चाहिए, जिसमें व्यक्ति को उस समय मौजूदा बीमारी, कमी या विकार से ग्रस्त होने की जानकारी देनी होगी.
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:
क्रिटिकल इलनेस क्या है?
क्रिटिकल इलनेस का मतलब व्यक्ति की गंभीर स्वास्थ्य समस्या है. क्रिटिकल इलनेस के भारी खर्च के कारण व्यक्ति का जीवन प्रभावित होता है. इसी समय क्रिटिकल इलनेस कवर काम आता है. यह उन लोगों के लिए फायदेमंद है, जो सेहत की विभिन्न समस्याओं के मामले में कोई जोखिम नहीं लेना चाहते हैं, खासकर उस समय, जब उन्हें पहले से कोई बीमारी है. जब व्यक्ति गंभीर बीमारी के खर्चे उठाने में लाचार होता है, तब इस प्रकार का हेल्थ प्लान फाइनेंशियल सुरक्षा प्रदान करता है.
क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस क्या है?
यह ऐसा प्रॉडक्ट है, जो पहले से निर्धारित लिस्ट में शामिल किसी गंभीर बीमारी के होने पर पॉलिसीधारक को लंपसम राशि देता है; यह लिस्ट पॉलिसी का हिस्सा होती है. यह हार्ट अटैक या कैंसर जैसी मेडिकल एमरजेंसी के लिए अतिरिक्त कवरेज भी देता है. इस पॉलिसी का फायदा यह है कि यह थोड़ी सस्ती पड़ती है. यह गंभीर और जानलेवा बीमारियों के अत्यधिक खर्चों को कवर करने में मदद करती है.
हेल्थ इंश्योरेंस प्लान के क्या लाभ हैं?
हेल्थ इंश्योरेंस प्लान में इन्वेस्ट करना सच में एक समझदारी भरा कदम है. आगे
हेल्थ इंश्योरेंस प्लान के कई लाभ निम्न हैं: यह स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं के लिए पर्याप्त कवरेज प्रदान करता है, जिसके तहत इंश्योरेंस कंपनी रोगी के कैशलैस इलाज या हॉस्पिटल में भर्ती होने से पहले और बाद के इलाज के सारे खर्च को कवर करती है. यह मेडिकल खर्चों में हुई सभी वृद्धि के लिए फाइनेंशियल सुरक्षा भी देता है. हेल्थ कवर के तहत युवा खरीदार को लाभदायक डील और अन्य लाभ के रूप में बोनस दिए जाते हैं. यह इंश्योरेंस कवर, नियोक्ता के कवर से अतिरिक्त सुरक्षा भी देता है.
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