आज के दौर में हेल्थ इंश्योरेंस कोई बड़ी बात नहीं है. यह अब धीरे-धीरे इन्वेस्ट करने का एक प्रचलित तरीका बनता जा रहा है. अब अधिक से अधिक लोग अपने फाइनेंस को सुरक्षित बनाने के लिए हेल्थ इंश्योरेंस प्लान चुन रहे हैं. मेडिकल बिलों की बढ़ती कीमतों के बारे में सोचें, तो किसी मेडिकल आवश्यकता के होने पर फाइनेंशियल तनाव के साथ-साथ परिवार के लिए मानसिक तनाव भी पैदा हो जाता है. हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी, मेडिकल लागत से निपटने का एक बेहतरीन तरीका है. लेकिन जब आप
हेल्थ इंश्योरेंस प्लान, के बारे में सोचते हैं, तो यह अक्सर माना जाता है कि आपको कम से कम एक दिन से अधिक समय के लिए तो हॉस्पिटल में भर्ती होना ही पड़ेगा. लेकिन मेडिकल टेक्नोलॉजी के विकास के कारण अब सभी इलाजों के लिए लंबे समय तक हॉस्पिटल में भर्ती रहने की आवश्यकता नहीं होती है. आजकल हॉस्पिटल में भर्ती हुए बिना और एक दिन से भी कम समय में बहुत से इलाजों का लाभ उठाया जा सकता है. इन सभी एक दिन वाले इलाजों को डे-केयर इलाज कहा जाता है.
डे-केयर प्रोसीज़र क्या हैं?
डे-केयर प्रोसीज़र वह इलाज है, जिसके लिए हॉस्पिटल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं होती है और जो 24 घंटों से कम समय में पूरा हो जाता है. मेडिकल साइंस ने अब इतनी तरक्की कर ली है कि अब पहले के मुकाबले कम समय में बहुत सी बीमारियों का इलाज करना संभव है. आमतौर पर, डे-केयर प्रोसीज़र में लगने वाला समय 2 घंटे के बीच, लेकिन यह 24 घंटे से कम होता है. क्योंकि ये प्रोसीज़र जल्द पूरे होते हैं, तो इनके इलाज में आने वाली लागत भी अधिक होती है. इसलिए इनका आपकी इंश्योरेंस पॉलिसी में कवर होना आवश्यक है. कैटेरेक्ट प्रोसीज़र, रेडियोथैरेपी, कीमोथैरेपी, सेप्टोप्लास्टी, डायलिसिस, एंजियोप्लास्टी, टॉन्सिलेक्टॉमी, लिथोट्रिप्सी, हाइड्रोसील, पाइल्स और फिस्टुला, साइनसाइटिस, एपेंडेक्टॉमी, लिवर एस्पिरेशन, कोलोनोस्कोपी, ईएनटी से जुड़ी बीमारियां और दांतों की कुछ बीमारियां आदि कुछ ऐसे इलाज हैं, जिन्हें डे-केयर प्रोसीज़र के रूप में कवर किया जाता है. जब आप
सीनियर सिटीज़न के लिए हेल्थ इंश्योरेंस, खरीदें, तो इस कवरेज में यह बात ध्यान में रखें कि जैसे-जैसे उनकी आयु बढ़ती जाती है, वैसे-वैसे उनकी इलाज पर निर्भरता बढ़ती जाती है. डे-केयर प्रोसीज़र के अलावा एक और हेल्थ इंश्योरेंस सुविधा है, जो ऐसे इलाजों के लिए फाइनेंशियल सुरक्षा प्रदान करती है. जिनका इलाज हॉस्पिटल में नहीं किया जा सकता. इसे डोमिसिलिरी हॉस्पिटलाइज़ेशन कहा जाता है. * मानक नियम व शर्तें लागू
डोमिसिलिरी हॉस्पिटलाइज़ेशन क्या है?
जब आप किसी ऐसी स्थिति में हों, जिसमें आप हॉस्पिटल में भर्ती नहीं हो सकते हों, तो हेल्थ इंश्योरेंस प्लान की इस विशेषता से आपको अपने घर पर इलाज कराने की सुविधा मिलती है. जब व्यक्ति गंभीर रूप से बीमार हो या वह चलने में असमर्थ हो, तो तब इसका लाभ उठाया जा सकता है. इसके अलावा डोमिसिलिरी कवर तब उपयोगी हो सकता है, जब आपको हॉस्पिटल में बेड नहीं मिलता है, क्योंकि यह इंश्योरेंस पॉलिसी आपके घर पर होने वाले ऐसे इलाज को कवर करती है. इस सुविधा के तहत 72 घंटों से अधिक समय तक चलने वाले इलाज शामिल किए जाते हैं, लेकिन यह अवधि विभिन्न इंश्योरेंस कंपनियों के आधार पर अलग-अलग हो सकती है. ऐसे उदाहरण हो सकते हैं, जहां लकवा या फ्रैक्चर जैसी स्थितियों के कारण व्यक्ति को हॉस्पिटल में नहीं पहुंचाया जा सकता है. तब डोमिसिलिरी कवर काम आता है. ध्यान रखें कि डोमिसिलिरी हॉस्पिटलाइज़ेशन खास तरह के इलाजों को कवर करता है और इसके कवरेज में वैकल्पिक इलाज जैसे- होम्योपैथी या आयुर्वेद शामिल नहीं किए जाते हैं. डोमिसिलिरी कवर वाली पॉलिसी खरीदते समय यह ध्यान रखें कि यह तब और बेहतर काम करता है, जब आपके पास हो
फैमिली हेल्थ इंश्योरेंस प्लान्स. इसके अलावा, ध्यान रखें कि आपने पॉलिसी के डॉक्यूमेंट्स को ध्यान से पढ़ा है, तभी आप इसका सही लाभ उठा पाएंगे. * मानक नियम व शर्तें लागू
अंत में
अब हेल्थ इंश्योरेंस को केवल हॉस्पिटल में भर्ती होने तक ही सीमित नहीं रखा जा सकता है. ऊपर ऐसे अलग-अलग इलाजों के बारे में बताया गया है, जिनका लाभ आप बिना हॉस्पिटल गए उठा सकते हैं. ऊपर बताए गए डे-केयर प्रोसीज़र और डोमिसिलिरी हॉस्पिटलाइज़ेशन के अलावा, आप आउटपेशेंट डिपार्टमेंट (ओपीडी) में आवश्यक इलाज और दांतों के इलाज से जुड़े संबंधित इंश्योरेंस कंपनी के नियमों के बारे में भी जान सकते हैं. बीमा आग्रह की विषयवस्तु है. लाभों, शामिल न की गई चीज़ों, सीमाओं, नियमों और शर्तों के बारे में और जानकारी के लिए, कृपया खरीद पूरी करने से पहले सेल ब्रोशर/पॉलिसी शब्दावली को ध्यान से पढ़ें.
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