रिस्पेक्ट सीनियर केयर राइडर: 9152007550 (मिस्ड कॉल)

सेल्स: 1800-209-0144| सर्विस: 1800-209-5858 सर्विस चैट: +91 75072 45858

अंग्रेजी

Claim Assistance
Get In Touch
Breast Cancer
8 जनवरी, 2023

कैंसर पेशेंट के लिए सबसे बेहतर हेल्थ इंश्योरेंस कैसे चुनें?

कैंसर, यह नाम सुनते ही शरीर में सिहरन दौड़ जाती है. किसी को कैंसर होने की खबर हमेशा दुख देती है, फिर चाहे वह आपका करीबी रिश्तेदार हो या कोई दोस्त. भारत में इस रोग के आंकड़े डरावने होते जा रहे हैं. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की एक रिपोर्ट बताती है कि वर्ष 2025 तक यह आंकड़ा 15 लाख तक पहुंचने की उम्मीद है[1]. यानी वर्ष 2020 के अनुमानित आंकड़ों से 12% अधिक[2]. लोगों में कैंसर के मामले बढ़ने की ऐसी डरावनी दर को देखते हुए, आपके पास कैंसर इंश्योरेंस कवर होना ज़रूरी है.

कैंसर इंश्योरेंस पॉलिसी क्या है?

कैंसर इंश्योरेंस, विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस है जो इस रोग की डायग्नोसिस पर एकमुश्त भुगतान देता है. कैंसर इंश्योरेंस प्लान कैंसर के उपचार से जुड़े विभिन्न खर्चों जैसे हॉस्पिटलाइज़ेशन, रेडिएशन, कीमोथेरेपी, सर्जरी आदि के लिए कवरेज देते हैं. कैंसर पॉलिसी के साथ आपको न केवल फाइनेंशियल बल्कि मानसिक सुरक्षा भी मिलती है, क्योंकि ये पॉलिसी रोग के शुरुआती और एडवांस्ड, दोनों स्टेज को कवर करती है. कुछ कैंसर इंश्योरेंस प्लान में रोगों की गंभीरता के आधार पर एकमुश्त भुगतान किया जाता है. यह भुगतान आपके हेल्थ इंश्योरेंस कवर की शर्तों के अधीन होता है.

भारत में कैंसर इंश्योरेंस पॉलिसी किस-किस प्रकार के कैंसर कवर करती हैं?

भारत में कैंसर इंश्योरेंस कवरेज आम तौर पर प्रमुख प्रकार के कैंसर को कवर करती है, जैसे:
  • ब्रेस्ट कैंसर
  • फ़ेफ़ड़ों का कैंसर
  • प्रोस्टेट कैंसर
  • ओवेरियन कैंसर
  • बड़ी आंत का कैंसर
कुछ प्लान अन्य प्रकार के कैंसर जैसे मूत्राशय कैंसर और अग्न्याशय कैंसर को भी कवर करते हैं.

कैंसर इंश्योरेंस पॉलिसी क्या-क्या लाभ देती हैं?

कैंसर कवर वाला हेल्थ इंश्योरेंस कई लाभ मिलते हैं जो लोगों को कैंसर के उपचार के फाइनेंशियल बोझ को संभालने में मदद देते हैं. कैंसर इंश्योरेंस कवरेज के कुछ लाभ इस प्रकार हैं:
  1. कैंसर के उपचार, जिसमें कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी और सर्जरी शामिल हैं, से संंबंधित खर्चों की कवरेज *
  2. हॉस्पिटलाइज़ेशन और मेडिकल टेस्ट की कवरेज *
  3. उपचार और रिकवरी के दौरान हुए आय के नुकसान को कवर करने में मदद के लिए इनकम रिप्लेसमेंट या डिसेबिलिटी कवरेज *
  4. भावनात्मक सहायता के लिए परामर्श सेवाओं या सहायता समूहों तक पहुंच *
  5. कैंसर का शुरुआत में ही पता लगाने के लिए एकमुश्त भुगतान *
  6. अधिक चौतरफा कवरेज के लिए अधिक सम एश्योर्ड चुनने का विकल्प *
  7. अपनी सुविधा से पॉलिसी की अवधि और प्रीमियम भुगतान की बारंबारता चुनने का विकल्प
कैंसर से संबंधित खर्चों और सहायता सेवाओं के लिए चौतरफा कवरेज देकर, कैंसर कवर वाला हेल्थ इंश्योरेंस कैंसर की डायग्नोसिस के साथ आने वाले फाइनेंशियल और भावनात्मक तनाव को कम करने में मदद दे सकता है.

कैंसर इंश्योरेंस कवर क्यों ज़रूरी है?

यहां हम कुछ कारण बता रहे हैं, जिससे आपको पता चल जाएगा कि ज़रूरी है कैंसर इंश्योरेंस पॉलिसी:
  1. कैंसर का उपचार महंगा होता है:

    कैंसर का उपचार महंगा होता है, और हो सकता है कि साधारण इंश्योरेंस कवरेज इतनी न हो कि वह इससे जुड़ी सभी लागतों को कवर कर पाए. कैंसर इंश्योरेंस कवर मेडिकल खर्चों, जिनमें हॉस्पिटलाइज़ेशन, कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी और सर्जरी शामिल हैं, के लिए कवरेज देकर इस कमी को दूर करने में मदद दे सकता है. *
  2. फाइनेंशियल सुरक्षा:

    कैंसर डायग्नोसिस के फलस्वरूप लोगों और उनके परिजनों के कंधों पर भारी फाइनेंशियल बोझ आ सकता है. कैंसर इंश्योरेंस कवरेज कैंसर उपचार के खर्चों और दूसरे खर्चों जैसे इनकम की हानि और ट्रांसपोर्टेशन लागतों आदि को कवर करके फाइनेंशियल सुरक्षा दे सकती है.
  3. शुरुआत में ही पता चल जाना:

    कैंसर का पता शुरुआत में ही चल जाए तो उपचार के परिणाम कहीं बेहतर हो सकते हैं. कुछ कैंसर इंश्योरेंस कवर कैंसर स्क्रीनिंग टेस्ट के लिए कवरेज देते हैं, जिनसे कैंसर की पहचान शुरुआती स्टेज में ही हो जाने में मदद मिल सकती है.
  4. मन की शांति:

    अगर आपको पता हो कि आपके पास कैंसर इंश्योरेंस कवरेज है, तो आपको मन की शांति मिलेगी और कैंसर डायग्नोसिस से जुड़ा तनाव कम होगा. यह कैंसर की डायग्नोसिस के साथ आने वाली कुछ फाइनेंशियल चिंताओं को कम करने में भी मदद दे सकता है.
  5. मौजूदा इंश्योरेंस का पूरक:

    कैंसर इंश्योरेंस, कैंसर के उपचार के लिए विशेष अतिरिक्त लाभ देकर आपकी मौजूदा हेल्थ इंश्योरेंस कवरेज का पूरक बन सकता है. यह आपके ऐसे खर्चों के लिए भी कवरेज दे सकता है जो आम तौर पर कवर नहीं किए जाते हैं हेल्थ इंश्योरेंस प्लान
संक्षेप में कहें तो, कैंसर कवर पॉलिसी न केवल फाइनेंशियल सुरक्षा और मन की शांति देती है बल्कि वह मौजूदा हेल्थ इंश्योरेंस कवरेज की पूरक भी बनती है.

यहां हम बता रहे हैं कि आप कैंसर रोगियों के लिए सर्वश्रेष्ठ हेल्थ इंश्योरेंस कैसे ले सकते हैं

  • नियमित स्वास्थ्य जांच कराएं:

    विशेषज्ञों का यही कहना है कि रोग का पता जितनी जल्द लग जाए, उपचार से उसके ठीक होने की संभावना उतनी ही अधिक होती है. इसलिए समय-समय पर नियमित स्वास्थ्य जांचों से शुरुआत में ही डायग्नोसिस होने में मदद मिलेगी. साथ ही, डॉक्टरों ने 40 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं के लिए मैमोग्राफी, पैप स्मियर और अल्ट्रासाउंड जैसे टेस्ट भी सुझाए हैं. 55 वर्ष से अधिक आयु के पुरुषों के मामले में, अल्ट्रासाउंड टेस्ट से रोग का शुरुआत में ही पता लगाने में मदद मिल सकती है. चूंकि रोग का पता लगाने के लिए स्वास्थ्य जांचें ज़रूरी हैं, इसलिए हमारी सलाह है कि आप इन जांचों को कवर करने वाला भारत में कैंसर इंश्योरेंस खरीदें.
  • सही इंश्योरेंस पॉलिसी चुनें:

    जब कैंसर इंश्योरेंस प्लान के कई विकल्पों में से चुनना हो, तो ऐसी पॉलिसी चुनना ज़रूरी है, जिसमें मिले पर्याप्त सम इंश्योर्ड. चूंकि उपचार बहुत महंगा होता है, इसलिए उसे कवर कर सकने वाला सम इंश्योर्ड बेहद ज़रूरी है. आम तौर पर, आपके निवास शहर में उपचार की औसत लागत से कम से कम 1.25 गुना कैंसर इंश्योरेंस ज़रूरी है, जो कई दूसरी बातों पर भी निर्भर है। इस तरह आप बढ़ती मेडिकल महंगाई के साथ-साथ पर्याप्त कवर बनाए रख सकते हैं और भविष्य के लिए तैयारी भी कर सकते हैं. फैमिली फ्लोटर पॉलिसी के मामले में, ध्यान रहे कि आप कैंसर इंश्योरेंस कवरेज की अधिक राशि लें, क्योंकि इसे एक साथ कई लोग शेयर करते हैं.
  • को-पेमेंट क्लॉज़ चेक करें:

    को-पेमेंट क्लॉज़ के तहत पॉलिसीधारक को, यानी आपको, उपचार की लागत का एक हिस्सा चुकाना होता है और बाकी हिस्सा आपकी इंश्योरेंस पॉलिसी कवर करती है. को-पेमेंट क्लॉज़ से प्रीमियम घटाने में मदद मिलती है, पर विशेष रूप से कैंसर इंश्योरेंस के लिए चुनी गई पॉलिसी के मामले में हम इसकी सलाह नहीं देते क्योंकि इसे चुनने पर हो सकता है कि आपको अपनी जेब से भारी खर्च करना पड़ जाए.
  • प्रतीक्षा अवधियों की तुलना करें:

    कैंसर इंश्योरेंस कवरेज लेते समय पॉलिसी की प्रतीक्षा अवधि भी देखनी चाहिए, क्योंकि वह एक बहुत महत्वपूर्ण चीज़ है. अलग-अलग हेल्थ इंश्योरेंस प्लान की प्रतीक्षा अवधियां अलग-अलग होती हैं और प्लान खरीदते समय आपको उन्हें ध्यान में रखना चाहिए. प्रतीक्षा अवधि अधिक होने का यह मतलब है कि इन रोगों के लिए आपकी इंश्योरेंस कवरेज अधिक समय बाद शुरू होगी. तो ये थे कैंसर इंश्योरेंस पॉलिसी के कुछ महत्वपूर्ण घटक. इंश्योरेंस कंपनी के ऑफर को पूरी तरह और ठीक से समझने से भारत में सही कैंसर इंश्योरेंस चुनने में मदद मिलेगी. साथ ही, अगर आपके परिवार में कैंसर का जोखिम पीढ़ी-दर-पीढ़ी चलता है, तो कैंसर इंश्योरेंस लेना और भी ज़रूरी हो जाता है. इस तरह, दुर्भाग्यवश कभी कैंसर होने पर आपके पास फाइनेंशियल सहारा मौजूद रहेगा. अंत में, ध्यान रखें कि कैंसर इंश्योरेंस पॉलिसी आपकी स्टैंडर्ड हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी की जगह नहीं लेती है, बल्कि वह एक रोग विशेष के लिए एक पूरक प्लान है. बीमा आग्रह की विषयवस्तु है. लाभों, शामिल न की गई चीज़ों, सीमाओं, नियमों और शर्तों के बारे में और जानकारी के लिए, कृपया खरीद पूरी करने से पहले सेल ब्रोशर/पॉलिसी शब्दावली को ध्यान से पढ़ें.

कैंसर इंश्योरेंस कवर से संबंधित एक्सक्लूज़न क्या हैं?

जबकि हेल्थ इंश्योरेंस के साथ कैंसर कवरेज हो, तो इससे कैंसर डायग्नोसिस वाले लोगों को पर्याप्त कवरेज मिलता है, लेकिन यह ध्यान रखना भी ज़रूरी है कि इन प्लान के साथ कुछ एक्सक्लूज़न जुड़े हो सकते हैं. कैंसर इंश्योरेंस कवर चुनते समय ध्यान रखने लायक कुछ सामान्य एक्सक्लूज़न इस प्रकार हैं:
  1. पहले से मौजूद बीमारियां:

    कई कैंसर इंश्योरेंस प्लान पहले से मौजूद रोगों के लिए कवरेज नहीं देते हैं. इसका मतलब यह है कि अगर आपमें कैंसर पहले ही डायग्नोस हो चुका है या आपने पहले कभी कैंसर का उपचार करवाया है तो आपको कवरेज नहीं मिलेगी.
  2. ऐसे उपचार जो कैंसर से संबंधित नहीं हैं:

    कैंसर इंश्योरेंस कवरेज में आम तौर पर केवल कैंसर से संबंधित उपचार जैसे कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी और सर्जरी को कवर किया जाता है. दूसरे मेडिकल उपचार जैसे दांत या आंख संबंधी उपचार कवर नहीं किए जाते हैं.
  3. प्रायोगिक उपचार:

    कुछ कैंसर इंश्योरेंस प्लान प्रायोगिक उपचारों या क्लिनिकल ट्रायल के लिए कवरेज नहीं देते हैं.
  4. लेट-स्टेज कैंसर:

    प्लान के आधार पर, लेट-स्टेज कैंसर की डायग्नोसिस वाले लोगों के लिए कवरेज सीमित हो सकती है. इसका मतलब यह है कि अगर आपको एडवांस्ड-स्टेज कैंसर होता है, तो आपको पूरी कवरेज नहीं मिलेगी.
  5. अन्यबहिष्करण:

    यह भी हो सकता है कि कैंसर इंश्योरेंस प्लान में कुछ प्रकार के कैंसर, जैसे स्किन कैंसर, के लिए कवरेज न हो.
क्या-क्या कवर होता है और क्या-क्या नहीं यह समझने के लिए, किसी भी कैंसर इंश्योरेंस कवर को खरीदने से पहले उसके नियमों और शर्तों को ध्यान से पढ़ना और समझना ज़रूरी है. जबकि हेल्थ इंश्योरेंस के साथ कैंसर कवर पर्याप्त कवरेज दे सकता है, लेकिन साथ ही एक्सक्लूज़न के बारे में समझना ज़रूरी है, ताकि आगे चलकर आप आश्चर्यजनक बातों या अप्रत्याशित खर्चों से बच सकें.

कैंसर इंश्योरेंस के क्लेम और भुगतान का प्रोसेस क्या है?

यहां हम क्लेम और भुगतान प्रोसेस के बारे में चरणबद्ध तरीके से बता रहे हैं, अगर आपके पास है कैंसर इंश्योरेंस पॉलिसी:
  1. क्लेम सबमिट करना:

    क्लेम प्रोसेस शुरू करने के लिए आपको अपनी इंश्योरेंस कंपनी के पास क्लेम फॉर्म सबमिट करना होगा. क्लेम फॉर्म के लिए आम तौर पर आपकी डायग्नोसिस, उपचार योजना और हेल्थकेयर प्रोवाइडर के विवरण आदि जानकारी की ज़रूरत पड़ेगी. कुछ प्लान में यह शर्त होती है कि व्यक्ति कैंसर की डायग्नोसिस के बाद कम से कम एक तय अवधि तक जीवित रहे, उसके बाद ही क्लेम किया जा सकता है; इस अवधि को सर्वाइवल पीरियड कहते हैं.
  1. क्लेम का रिव्यू:

    क्लेम सबमिट होने के बाद, इंश्योरेंस कंपनी यह रिव्यू करती है कि क्या वह क्लेम, प्लान के तहत कवरेज की शर्तों को पूरा करता है. 
  1. क्लेम अप्रूवल:

    अगर क्लेम अप्रूव हो जाता है, तो इंश्योरेंस कंपनी प्लान की खरीद के समय तय हुई राशि का भुगतान करेगी. 
  1. समय पर क्लेम सबमिट करना:

    कवरेज में किसी भी देरी या इंकार से बचने के लिए समय पर क्लेम सबमिट करना महत्वपूर्ण है. ध्यान रहे कि आप कैंसर के उपचार और क्लेम से संबंधित सभी डॉक्यूमेंट की कॉपी संभालकर रखें.
साधारण हेल्थ इंश्योरेंस कवरेज के उलट, गंभीर रोगों का क्लेम प्रोसेस थोड़ा अलग हो सकता है. पॉलिसी प्रपोजल फॉर्म पर हस्ताक्षर करने से पहले क्लेम प्रोसेस ज़रूर जान लें.

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

  1. क्या कैंसर इंश्योरेंस कीमोथेरेपी को कवर करता है?

हां, कैंसर इंश्योरेंस पॉलिसी आम तौर पर कीमोथेरेपी को कवर करती है क्योंकि यह कैंसर का एक आम उपचार है. *
  1. क्या कैंसर का उपचार करवाने के बाद कैंसर इंश्योरेंस खरीदा जा सकता है?

आम तौर पर नहीं। कैंसर इंश्योरेंस को कैंसर उपचार की लागत को कवर करने हेतु डायग्नोसिस से पहले खरीदने के लिए डिज़ाइन किया गया है, इसलिए यह आम तौर पर उन लोगों के लिए उपलब्ध नहीं है जो पहले ही उपचार करा चुके हैं.
  1. क्या कैंसर इंश्योरेंस रेडिएशन थेरेपी को कवर करता है?

हां, कैंसर इंश्योरेंस आम तौर पर रेडिएशन थेरेपी को कवर करता है क्योंकि यह भी कैंसर का एक आम उपचार है. *
  1. अगर मुझे कैंसर इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने से पहले कैंसर हुआ हो, तो क्या यह मेरे उपचार को कवर करेगा?

नहीं, कैंसर इंश्योरेंस पॉलिसी पहले से मौजूद रोगों को आम तौर पर कवर नहीं करती है.
  1. कैंसर इंश्योरेंस कौन खरीद सकता है?

कोई भी भारत में कैंसर रोगियों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस, खरीद सकता है, हालांकि इसका प्रचार आम तौर पर उन लोगों के बीच किया जाता है जिन्हें कैंसर होने का जोखिम अधिक होता है, जैसे वे लोग जो धूम्रपान करते हैं या जिनके परिवार में कैंसर का इतिहास है.
  1. कैंसर इंश्योरेंस खरीदने की ऊपरी आयु सीमा क्या है?

कैंसर इंश्योरेंस खरीदने की आयु सीमा अलग-अलग इंश्योरेंस कंपनियों के मामले में अलग होती है, पर यह आम तौर पर 75 या 80 वर्ष तक की आयु के लोगों के लिए उपलब्ध होता है.
  1. कैंसर इंश्योरेंस की लागत क्या है?

कैंसर इंश्योरेंस की लागत आयु, स्वास्थ्य स्थिति और कवरेज राशि जैसी चीज़ों के आधार पर अलग-अलग होती है. आम तौर पर, कम आयु वाले स्वस्थ व्यक्तियों का प्रीमियम कम होता है और आयु बढ़ने के साथ-साथ या पहले से रोग मौजूद होने की स्थिति में प्रीमियम बढ़ जाता है. * * स्टैंडर्ड नियम व शर्तें लागू। इंश्योरेंस आग्रह की विषय-वस्तु है. लाभों, शामिल न की गई चीज़ों, सीमाओं, नियम और शर्तों के बारे में अधिक जानकारी के लिए, कृपया इंश्योरेंस खरीदने से पहले सेल्स ब्रोशर/पॉलिसी डॉक्यूमेंट को ध्यान से पढ़ें.

क्या आपको इस आर्टिकल से मदद मिली? इसे रेटिंग दें

औसत रेटिंग 5 / 5 वोटों की संख्या: 18

अभी तक कोई वोट नहीं मिले! इस पोस्ट को सबसे पहली रेटिंग दें.

क्या आपको यह आर्टिकल पसंद आया?? इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करें!

अपने विचार शेयर करें. एक कमेंट लिखें!

कृपया अपना जवाब दें

आपकी ईमेल आईडी प्रकाशित नहीं की जाएगी. सभी फील्ड आवश्यक हैं