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CKYC Insurance and It's Impact on Car Insurance in India

  • Motor Blog

  • 28 फरवरी 2023

  • 56 Viewed

Contents

  • KYC क्या है?
  • कार इंश्योरेंस में केवायसी
  • संक्षेप में

जब आप कार खरीदते हैं, तो उसका मालिक होने के नाते यह ज़रूरी है कि आप कुछ ज़िम्मेदारियों को जानें, जिनमें शामिल है ड्राइविंग करते समय सभी नियमों का पालन करना, हमेशा उचित सड़क सुरक्षा का ध्यान रखना और समय-समय पर अपनी कार की सर्विस कराना ताकि वह सुचारू ढंग से चलती रहे. हालांकि, आपको जो मुख्य ज़िम्मेदारी नहीं भूलनी चाहिए वह है कार इंश्योरेंस, खरीदना, जिसे आप ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं. हाल ही में, इंश्योरेंस के केंद्रीय प्राधिकरण ने इंश्योरेंस खरीदारों के लिए नई इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते समय केवायसी (नो यॉर कस्टमर) कराना अनिवार्य कर दिया है. अगर आप अपनी नई कार के लिए कार इंश्योरेंस खरीदना चाहते हैं, तो यहां हम बता रहे हैं कि आपको केवायसी प्रोसेस पूरी कराने की ज़रूरत क्यों पड़ सकती है.

KYC क्या है?

नो यॉर कस्टमर (केवायसी), खुद अपना विवरण सत्यापित करने की प्रोसेस है. आपने बैंकों में देखा होगा कि कैसे वे हर वर्ष आपसे यह प्रोसेस पूरी करवाते हैं. अगर आपने अपना विवरण, जैसे एड्रेस या संपर्क नंबर अपडेट किया है, तो केवायसी से बैंक अधिकारियों को ऐसे बदलावों से अवगत बने रहने में मदद मिलती है. केवायसी में, एक अकेली संस्था जानकारी स्टोर करती है, वहीं सीकेवायसी का पूरा नाम है सेंट्रल नो यॉर कस्टमर. सीकेवायसी के मामले में सारा डेटा केंद्र सरकार स्टोर करती है. आप जो डेटा देते हैं वह सेंट्रल केवायसी रजिस्ट्री में जाता है. इससे हर किसी की जानकारी वाला एक महा-डेटाबेस बनाने में मदद मिलती है. इससे हर अन्य प्रोसेस के लिए केवायसी करने की ज़रूरत खत्म हो जाती है, जिससे आपके समय के साथ-साथ उन लोगों के समय की भी बचत होती है जिन पर आपके विवरण के सत्यापन और समेकन की ज़िम्मेदारी होती है.

कार इंश्योरेंस में केवायसी

इंश्योरेंस के केंद्रीय प्राधिकरण के एक हाल ही के निर्देश के अनुसार, इंश्योरेंस कंपनियों के लिए नए कस्टमर से सीकेवायसी करवाना अनिवार्य है. यानी, अगर आप कम्प्रीहेंसिव मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी, खरीदना चाहते हैं, तो आपको इस प्रक्रिया से गुज़रना होगा*. आमतौर पर, जब आप कोई इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते हैं, जैसे कार इंश्योरेंस, तो आपको पहचान और एड्रेस प्रूफ के रूप में आधार कार्ड या ड्राइवर लाइसेंस जैसे डॉक्यूमेंट देने होते हैं. इसके साथ आपको अपनी कार की जानकारी भी देनी होती है, जैसे खरीद की रसीद, चैसी नंबर और रजिस्ट्रेशन नंबर. ये जानकारी आपके पॉलिसी डॉक्यूमेंट में लिखी होती है. अगर आप अपना एड्रेस या अपनी संपर्क जानकारी बदलते हैं, तो संभव है कि आपकी इंश्योरेंस कंपनी को इस बदलाव का पता न चले. सभी इंश्योरेंस खरीदारों के लिए सीकेवायसी प्रोसेस इसलिए अनिवार्य किया गया है कि वे इन गलतियों से बचें. उदाहरण के लिए, मान लें कि आपकी वर्तमान कार इंश्योरेंस पॉलिसी समाप्त होने वाली है, और आप कोई कोशिश कर रहे हैं कि लें फोर-व्हीलर थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस पॉलिसी. आप हाल ही में एक दूसरे शहर जाकर बसे हैं, पर आपकी इंश्योरेंस कंपनी के डेटाबेस में आपका नया एड्रेस अपडेट नहीं हुआ है. ऐसे में अगर आप क्लेम फाइल करते, तो संभव है कि आपकी क्लेम प्रोसेस में समस्याएं होतीं, क्योंकि आपकी इंश्योरेंस कंपनी के पास आपकी नई जानकारी नहीं है*. सेंट्रल केवायसी के साथ, आपकी जानकारी इस डेटाबेस में अपने-आप अपडेट हो जाती है, और उसके बाद इंश्योरेंस कंपनी को उसकी सूचना मिल जाती है. यह लाभ आपकी क्लेम प्रोसेस के समय उत्पन्न होने वाली समस्याएं घटाने में मदद कर सकता है.

यह प्रोसेस कैसे की जाती है?

इंश्योरेंस खरीदते समय, आपको अपनी इंश्योरेंस कंपनी को इनमें से कोई भी डॉक्यूमेंट देना होगा:

  1. आधार कार्ड
  2. ड्राइवर लाइसेंस
  3. पैन कार्ड
  4. पासपोर्ट आकार की फोटो

फिर, उसमें लिखा विवरण, आपकी जानकारी का डेटाबेस बनाने के लिए सेंट्रल रजिस्ट्री में दर्ज किया जाता है. इसके बाद 14-अंकों का सीकेवायसी नंबर जनरेट होता है जो आपकी पहचान के प्रूफ से लिंक हो जाता है. विवरण ठीक से सत्यापित होने के बाद, वे रजिस्ट्री में स्टोर हो जाते हैं.

संक्षेप में

Other than reducing the number of fraudulent claims, a CKYC negates the requirement of having to manually update your details every time. While this process is new, it’s beneficial for everyone in the long term. If you are looking to buy a new car insurance, you can use the online car insurance calculator to check the approximate cost of the policy as per your requirement. This includes the duration of the coverage, the number of add-ons and the type of vehicle you own. Before you purchase the policy, make sure you get your doubts cleared with your insurer to avoid any confusion. Read More: The New IRDAI Rules Regarding KYC in Car Insurance Insurance is the subject matter of solicitation. For more details on benefits, exclusions, limitations, terms, and conditions, please read the sales brochure/policy wording carefully before concluding a sale. *Standard T&C apply

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