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Motor Blog
12 फरवरी 2021
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नई बाइक यानी नई शुरुआत. आपने शायद इसे खरीदने के लिए लंबा इंतज़ार किया होगा, या आपके माता-पिता ने आपको पहली बाइक गिफ्ट की होगी; जो भी हो, पहली बाइक खरीदना एक यादगार अनुभव होता है. बाइक के तरह-तरह के मॉडल की तुलना करने, टेस्ट राइड लेने और पैसों की व्यवस्था करने के बाद, नई बाइक की खरीदारी अपने-आप में किसी सफल डील से कम नहीं लगती. हालांकि, यह आपका सिर्फ पहला कदम है. इसके अलावा, जब भी आप अपने लिए बाइक खरीदते हैं, तो आपको ये चीज़ें करनी होती हैं:
पैसों की व्यवस्था करने के बाद, पहला चरण होता है रजिस्ट्रेशन. इसमें वाहन को आपके नाम में रजिस्टर किया जाता है और आपको एक रजिस्ट्रेशन नंबर मिलता है. यह नंबर रजिस्टर करने वाले आरटीओ पर निर्भर करता है. आपके लिए अच्छी खबर यह है कि आपको यह काम खुद से करना ज़रूरी नहीं है, बल्कि वाहन डीलर आपकी ओर से वाहन को रजिस्टर करने में आपकी मदद करते हैं. पहचान का प्रूफ, एड्रेस प्रूफ, और भुगतान का प्रूफ जैसे कुछ बुनियादी डॉक्यूमेंट देने पर आरटीओ रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट जारी कर देता है.
अपनी बाइक का रजिस्ट्रेशन करने के बाद अगला चरण है इंश्योरेंस कवरेज लेना. अधिकतर वाहन डीलर आपको कुछ विकल्प देते हैं, लेकिन आप कोई भी दूसरी बाइक इंश्योरेंस पॉलिसी भी चुन सकते हैं. इस मोटर वाहन अधिनियम का 1988, बाइक इंश्योरेंस प्लान खरीदना अनिवार्य बनाता है. लेकिन यह कानूनी आवश्यकता कम-से-कम थर्ड पार्टी बाइक इंश्योरेंस पॉलिसी लेने की शर्त रखती है. थर्ड पार्टी प्लान में सीमित कवरेज होती है जो दुर्घटनाओं और टक्कर से पैदा होने वाली कानूनी देनदारियों को कवर करती है. इसमें आपकी बाइक को होने वाला डैमेज शामिल नहीं होता है. प्रॉपर्टी को डैमेज के साथ-साथ, आपकी बाइक की टक्कर से घायल होने वाले व्यक्ति की चोटें भी शामिल होती हैं. ऐसे थर्ड पार्टी बाइक इंश्योरेंस प्लान का एक विकल्प कम्प्रीहेंसिव पॉलिसी हैं. ये पॉलिसी न केवल कानूनी देनदारियां, बल्कि आपकी बाइक को हुए डैमेज को भी कवर करती हैं. टक्कर से दूसरों को ही नहीं, बल्कि आपके वाहन को भी डैमेज होता है. इसलिए अपनी बाइक के लिए कवरेज लेना ज़रूरी है. कम्प्रीहेंसिव प्लान आपकी बाइक को हुए डैमेज को तो कवर करते ही हैं, साथ-ही-साथ उन्हें कस्टमाइज़ भी किया जा सकता है, जिससे आपको इंश्योरेंस पॉलिसी के दायरे को अपनी ज़रूरत के अनुसार बढ़ाने में मदद मिलती है. एक बात याद रखें - ये कम्प्रीहेंसिव प्लान की वैकल्पिक विशेषताएं हैं और इससे सीधे टू व्हीलर इंश्योरेंस की कीमत प्रभावित होती है. * मानक नियम व शर्तें लागू. अगर आप अपने वाहन के डीलर से ही पॉलिसी खरीद रहे हैं, तो दूसरे इंश्योरेंस कवर से उसकी तुलना ज़रूर करें. यह चयन केवल कीमत के आधार पर न करें, बल्कि पॉलिसी की विशेषताओं और इंश्योरेंस कवरेज को भी ध्यान में रखें.
बाइक और उसके इंश्योरेंस कवर को फाइनल करने के बाद, आप अपनी बाइक के एक्सेसरीज़ को भी सुरक्षित कर सकते हैं. ये एक्सेसरीज़ बाइक की सुंदरता या फिर परफॉर्मेंस बढ़ाने के लिए होती हैं. एक्सेसरीज़ के प्रकार से आपका बाइक इंश्योरेंस भी प्रभावित होता है. उदाहरण के लिए, आपकी बाइक की सुरक्षा बढ़ाने वाले एक्सेसरीज़ से प्रीमियम राशि कम होती है.
बाइक निर्माता अपनी बाइक पर निर्धारित अवधि तक वारंटी देते हैं. अलग-अलग निर्माताओं के यहां वारंटी अवधि अलग-अलग होती है. साथ ही, खरीद के समय आपको अतिरिक्त वारंटी कवर लेने का विकल्प मिलता है, जिससे निर्माता की वारंटी का दायरा बढ़ जाता है. इसे एक्सटेंडेड वारंटी कहते हैं, जो आमतौर पर वाहन के निर्माता द्वारा प्रदान किया जाता है.
अंत में, अपनी इंश्योरेंस पॉलिसी की सर्विस आवश्यकता को ध्यान में रखें. आजकल की बाइक को 1,000 किमी के बाद या 30 दिनों के भीतर पहले चेक-अप के लिए ले जाना ज़रूरी होता है. वैसे, अलग-अलग निर्माताओं के मामले में यह लिमिट अलग-अलग हो सकती है, लेकिन बाइक की यह सर्विस ज़रूरी होती है. इन बातों को आपको बाइक को घर लाते समय याद रखना चाहिए. बीमा आग्रह की विषयवस्तु है. लाभों, शामिल न की गई चीज़ों, सीमाओं, नियमों और शर्तों के बारे में और जानकारी के लिए, कृपया खरीद पूरी करने से पहले सेल ब्रोशर/पॉलिसी शब्दावली को ध्यान से पढ़ें.
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