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IRDA Guidelines for Health Insurance Portability
31 मई, 2021

आईआरडीए की हेल्थ इंश्योरेंस पोर्टेबिलिटी की गाइडलाइंस

मान लें कि आप नया हेल्थ इंश्योरेंस प्लान खरीदते हैं और अगले कुछ दिनों के भीतर, आप बीमार हो जाते हैं और आपको हॉस्पिटल में भर्ती होना पड़ता है. जब आप इलाज की लागत के लिए क्लेम करते हैं, तो इंश्योरेंस कंपनी आपको पॉलिसी के विभिन्न नियमों और शर्तों के साथ उलझाने लगती है, जिससे आपका समय और मेहनत बर्बाद होता है. ऐसे मामले में, इंश्योरेंस रेगुलेटरी डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (आईआरडीएआई) ने पॉलिसीधारकों के लिए महत्वपूर्ण पोर्टेबिलिटी सुविधा प्रदान की है, जिसके माध्यम से वे बिना कोई लाभ खोए अपनी इंश्योरेंस पॉलिसी के साथ किसी दूसरे इंश्योरर के पास स्विच कर सकते हैं. इस पोस्ट में, हम आपको आईआरडीए हेल्थ इंश्योरेंस पोर्टेबिलिटी की गाइडलाइन को आसानी से समझाएंगे, ताकि आप अपनी पॉलिसी को बेहतर इंश्योरेंस प्रोवाइडर में पोर्ट कर सकें.

भारत में हेल्थ इंश्योरेंस पोर्टेबिलिटी के बारे में जानें

इंश्योरेंस रेगुलेटरी डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (आईआरडीएआई) द्वारा हेल्थ इंश्योरेंस पोर्टेबिलिटी की शुरुआत पहली बार 2011 में की गई थी. इसके अनुसार, पॉलिसीधारक हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को पोर्ट कराने का विकल्प चुन सकते हैं, जो एक इंश्योरर से दूसरे इंश्योरर के पास पोर्ट करने की सुविधा प्रदान करता है. जब व्यक्ति अपने इंश्योरर की सेवाओं से संतुष्ट नहीं होते हैं या किसी बेहतर विकल्प की तलाश कर रहे होते हैं, तो ऐसा कर सकते हैं. पोर्टेबिलिटी का विकल्प होने से पॉलिसीधारक को इंश्योरर से जुड़ी बेहतर सुविधाएं मिलती हैं और यह पॉलिसीधारक को अपनी पसंद का इंश्योरर चुनने के लिए अधिक बेहतर विकल्प प्रदान करता है.

आईआरडीए की हेल्थ इंश्योरेंस पोर्टेबिलिटी की गाइडलाइंस

हेल्थ इंश्योरेंस पोर्टेबिलिटी के लिए आईआरडीए की गाइडलाइंस निम्नलिखित हैं:
  1. एक समान पॉलिसी: कोई भी व्यक्ति या परिवार अपनी इंश्योरेंस पॉलिसी को नए इंश्योरर के पास पोर्ट कर सकता है, लेकिन यह पॉलिसी केवल उसी तरह की मेडिकल इंश्योरेंस पॉलिसी में पोर्ट की जा सकती है और इसे इंश्योरेंस की किसी अन्य कैटेगरी में पोर्ट नहीं किया जा सकता है.
  1. रिन्यूअल के समय पॉलिसी की पोर्टेबिलिटी: पॉलिसी की पोर्टेबिलिटी के प्रोसेस को केवल पॉलिसी के रिन्यूअल के समय पर ही पूरा किया जा सकता है. साथ ही, पोर्टेबिलिटी तभी संभव है, जब आपकी पॉलिसी बिना किसी रुकावट के चल रही हो. पॉलिसी में कोई भी रुकावट होने पर पोर्टेबिलिटी की एप्लीकेशन अस्वीकार हो सकती है.
  1. इंश्योरेंस कंपनी का प्रकार: लाइफ इंश्योरेंस कंपनी हो या जनरल इंश्योरेंस कंपनी हो, पॉलिसी को एक ही तरह की इंश्योरेंस कंपनी में पोर्ट किया जा सकता है.
  1. सूचना संबंधी प्रोसेस: आईआरडीए की पोर्टेबिलिटी की गाइडलाइंस के अनुसार, पॉलिसीधारक को पॉलिसी के रिन्यूअल से 45 दिन पहले पोर्टेबिलिटी के बारे में अपने मौजूदा इंश्योरर को सूचना देनी होगी. ऐसा न करने पर, कंपनी पॉलिसीधारक की एप्लीकेशन को अस्वीकार कर सकती है.
  1. इंश्योरेंस पोर्टेबिलिटी के लिए शुल्क: इंश्योरेंस पॉलिसी पोर्ट कराने के लिए कोई शुल्क नहीं देना होता है.
  1. प्रीमियम और बोनस: आमतौर पर, पॉलिसीधारक को पॉलिसी पोर्ट कराते समय प्राप्त होने वाले नो क्लेम बोनस सहित अन्य जमा लाभ प्राप्त होते हैं. इसके अलावा, नए इंश्योरर के अंडरराइटिंग मानदंड के अनुसार आपका प्रीमियम भी कम हो सकता है.
  1. पहले से मौजूद बीमारियों के लिए प्रतीक्षा अवधि: नए इंश्योरर के मानदंडों के अनुसार, पहले से मौजूद बीमारियों के लिए प्रतीक्षा अवधि पूरी करने की आवश्यकता होती है. लेकिन, ऐसा तभी होता है, जब आप कवरेज की राशि में बढ़ोत्तरी के लिए अप्लाई करते हैं.
  1. सम इंश्योर्ड क्लॉज़: पॉलिसीधारक की मर्ज़ी होने पर पोर्टेबिलिटी के समय पॉलिसी के सम इंश्योर्ड में बढ़ोत्तरी हो सकती है.
  1. ग्रेस पीरियड: अगर पॉलिसी की पोर्टिंग अभी भी प्रोसेस में है, तो पॉलिसी रिन्यूअल के लिए पॉलिसीधारक को 30 दिनों का ग्रेस पीरियड दिया जाता है.

पॉलिसीधारक के रूप में आपके अधिकार क्या होते हैं?

आईआरडीए की पोर्टेबिलिटी गाइडलाइंस के अनुसार पॉलिसीधारकों को कुछ अधिकार मिलते हैं, जो इस तरह हैं:
  • किसी भी इंडिविजुअल या फैमिली पॉलिसी को पोर्ट कराया जा सकता है.
  • नई इंश्योरेंस कंपनी से आपको वे लाभ मिलेंगे, जो आपको पिछले इंश्योरर से पहले से मौजूद बीमारियों के लिए प्राप्त हुए हैं.
  • नए इंश्योरर को पिछली पॉलिसी के अनुसार या उससे अधिक सम इंश्योर्ड देना होगा.
  • दोनों इंश्योरर को निर्धारित समय-सीमा के भीतर पोर्टेबिलिटी प्रोसेस को पूरा करना होगा, और पॉलिसीधारक को इससे जुड़े सवाल पूछने और प्रोसेस स्टेटस जानने का हक है.

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

  1. क्या सभी इंश्योरेंस कंपनियों के लिए आईआरडीए की पोर्टेबिलिटी गाइडलाइंस लागू होती हैं?
हां, सभी इंश्योरर द्वारा गाइडलाइंस का पालन किया जाता है.
  1. क्या किसी भी हेल्थ इंश्योरेंस प्रॉडक्ट को पोर्ट कराने के लिए अप्लाई किया जा सकता है?
आप किसी भी प्रॉडक्ट को पोर्ट कराने के लिए अप्लाई कर सकते हैं, बशर्ते कि नया पॉलिसी प्रॉडक्ट उसी तरह का हो, जिस तरह का पुराना पॉलिसी प्रॉडक्ट है.
  1. क्या नए इंश्योरर के पास पोर्ट कराते समय मुझे सभी मेडिकल टेस्ट कराने होंगे?
यह आपके नए इंश्योरर के मानदंड पर निर्भर करता है. संक्षेप में अब जब आप आईआरडीए की हेल्थ इंश्योरेंस पोर्टेबिलिटी की गाइडलाइंस के बारे में जान चुके हैं और प्रोसेस के बारे में पूरी जानकारी पा चुके हैं, तो अब आप उचित समझने पर पोर्टेबिलिटी का विकल्प चुन सकते हैं. अधिक जानकारी के लिए, आप किसी इंश्योरेंस एक्सपर्ट से कंसल्ट कर सकते हैं और अधिक जानकारी के साथ सही सलाह प्राप्त कर सकते हैं.

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