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क्या भारत में यात्री कारों के लिए 6 एयरबैग अनिवार्य हैं

  • Motor Blog

  • 11 मई 2024

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Contents

  • छह एयरबैग का नियम क्या है?
  • क्या छह एयरबैग के नियम के लिए कोई संभावित चुनौतियां हैं?
  • एयरबैग का महत्व
  • क्या एयरबैग, सीटबेल्ट से अधिक सुरक्षित हैं?
  • क्या आपकी इंश्योरेंस पॉलिसी में एयरबैग कवर किए जाते हैं?
  • संक्षेप में

ट्रैफिक अधिकारी, ऑटोमोबाइल कंपनियां और मोटर इंश्योरर यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वो सब कुछ कर रहे हैं, जो उनकी क्षमता में है. एक नागरिक के रूप में, आपको सड़क पर ज़िम्मेदारी से वाहन चलाना चाहिए और सभी अनिश्चितताओं के लिए खुद को इंश्योर करना चाहिए. वास्तव में, सरकार लगातार कदम उठाते रहती है, ताकि हम सड़क दुर्घटनाओं के शिकार न बनें. अब सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, यात्रियों के लिए कारों को अधिक सुरक्षित बनाने के लिए उनमें अधिक एयरबैग देने का नियम लेकर आया है. छह एयरबैग का यह नियम 1 अक्टूबर, 2022 से लागू होने वाला था, लेकिन इसकी समय-सीमा बढ़ा दी गई है, क्योंकि वाहन इंडस्ट्री वैश्विक स्तर पर सप्लाई चेन की समस्याओं से जूझ रही है. लेकिन, क्या हमें वास्तव में इस नियम की आवश्यकता है? यह जानने के लिए आगे पढ़ना जारी रखें. यह आर्टिकल बताता है कि 6-एयरबैग का नियम किस प्रकार यात्रियों की सुरक्षा के लिए तैयार किया गया है.

छह एयरबैग का नियम क्या है?

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने यात्री वाहनों के लिए छह एयरबैग अनिवार्य कर दिए हैं. यह नियम आठ सीटों वाली यात्री कारों के लिए लागू होगा, ताकि सड़क यात्रा को अधिक सुरक्षित बनाया जा सके. वैश्विक स्तर पर सप्लाई चेन की चुनौतियों के कारण, यह नियम 1 अक्टूबर, 2023 से लागू होगा. शुरुआत में, अधिकारी इसे अक्टूबर 2022 से लागू करना चाहते थे.

क्या छह एयरबैग के नियम के लिए कोई संभावित चुनौतियां हैं?

हालांकि 6-एयरबैग का नियम कारों में यात्रियों की सुरक्षा को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाता है, लेकिन यह बजट से संबंधित चिंताएं पैदा कर सकता है. 6 एयरबैग प्रदान करने पर मोटर वाहनों की कीमत बढ़ सकती है. उदाहरण के लिए, एंट्री-लेवल कार के फ्रंट एयरबैग की लागत रु. 5,000 से रु. 10,000 के बीच होती है. और कर्टेन या साइड एयरबैग आसानी से इससे दोगुनी लागत के हो सकते हैं. अगर आप अतिरिक्त एयरबैग प्रदान करने के खर्च को जोड़ते हैं, तो कार की कीमत कम से कम रु. 50,000 तक बढ़ जाएगी. इसके अलावा, अब तक कारों को 6 एयरबैग शामिल करने के लिए डिज़ाइन नहीं किया गया था. नए नियम का पालन करने का अर्थ यह होगा कि ऑटोमोबाइल कंपनियों को इन अतिरिक्त एयरबैग को शामिल करने के लिए कारों को फिर से डिज़ाइन करना होगा और निर्माण करना होगा.

एयरबैग कैसे काम करते हैं?

एक कार छह से आठ एयरबैग के साथ आती है, जिनमें से दो एयरबैग ड्राइवर और सह-यात्री की सुरक्षा के लिए होते हैं. कर्टेन एयरबैग साइड से पड़ने वाले प्रभाव को रोकते हैं, जबकि नी-एयरबैग टक्कर की स्थिति में आपके शरीर के निचले हिस्से को सुरक्षित करते हैं. एयरबैग इलेक्ट्रॉनिक कमांड पर नहीं फूलते हैं, बल्कि उनके लिए रासायनिक कंपाउंड- सोडियम एजाइड का उपयोग किया जाता है. जब आपकी कार के सेंसर को संरचनात्मक संबंधी किसी भी प्रकार की समस्या का पता लगता है, तो वे सोडियम एजाइड से भरे कनस्तर को एक इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल भेजते हैं. इससे एक इग्नाइटर कंपाउंड में विस्फोट होता है, जिससे ऊष्मा निकलती है. इस ऊष्मा की वजह से सोडियम एजाइड नाइट्रोजन गैस में बदल जाता है, जिससे कार के एयरबैग फूल जाते हैं. इसे भी पढ़ें: 2024 के लिए भारत में 10 लाख से कम की टॉप 7 सर्वश्रेष्ठ माइलेज कार

एयरबैग का महत्व

Motor vehicles have multiple safety features installed, so everyone in the car is safe in case of an accident. Airbags are one such feature. It is like a deflated cushion that inflates when your car senses collision or crash. Airbags ensure that your body doesn’t hit any part or object in the car to avoid serious injuries. Without airbags, the driver and the passenger could crash into different objects within the car such as the windshield, seat, dashboard, steering wheel, etc. Also Read: Best Family Cars in India in 2024 with Prices & Specifications

क्या एयरबैग, सीटबेल्ट से अधिक सुरक्षित हैं?

एयरबैग और सीटबेल्ट दुर्घटना के दौरान अधिकतम संभव सुरक्षा प्रदान करने के लिए एक साथ काम करते हैं. वाहन को होने वाले नुकसान कार इंश्योरेंस प्लान की मदद से कवर किए जा सकते हैं, लेकिन ड्राइवर और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना मुख्य लक्ष्य होता है. कारों में आमतौर पर सीटबेल्ट और एयरबैग, दोनों होते हैं. महत्वपूर्ण बात यह है कि एयरबैग केवल तभी काम करते हैं, जब सीटबेल्ट लगाए जाते हैं. इसलिए, केवल एक ही विशेषता पर निर्भर करना सही विचार नहीं होगा. सीट बेल्ट आपको सीट के साथ बांधे हुए रखते हैं, जिसका अर्थ है कि आप तुरंत डैशबोर्ड से नहीं टकराएंगे या उछलकर कार के बाहर नहीं जाएंगे. एयरबैग और सीटबेल्ट के संयुक्त लाभों के कारण जानलेवा चोटों की संभावना कम हो जाएगी. इसे भी पढ़ें: ग्लोबल एनसीएपी रेटिंग 2024 के अनुसार भारत में सबसे सुरक्षित कार

क्या आपकी इंश्योरेंस पॉलिसी में एयरबैग कवर किए जाते हैं?

एयरबैग आपके कार इंश्योरेंस में कवर किए जाते हैं या नहीं, यह आपके द्वारा चुनी गई पॉलिसी के प्रकार पर निर्भर करता है. एक थर्ड पार्टी कार इंश्योरेंस प्लान आपकी कार के एयरबैग को कवर नहीं करता है. अगर आपके पास कम्प्रीहेंसिव कार इंश्योरेंस पॉलिसी है, तो आपको सुरक्षा मिलती है. इससे भी हो सकता है कि आपको पूरी क्षतिपूर्ति न मिले, क्योंकि डेप्रिसिएशन की दर एयरबैग पर भी लागू होती है. * मानक नियम व शर्तें लागू

संक्षेप में

ट्रैफिक नियमों में कोई भी संशोधन आपके अनुभव को केवल बेहतर ही बनाएगा. कार इंश्योरेंस प्लान और बेहतरीन सुरक्षा सुविधाओं वाली कार के साथ, आप सबसे खराब परिस्थितियों की चिंता किए बिना भारतीय सड़कों पर वाहन चला सकते हैं. हालांकि, जब भी आपको अपनी पॉलिसी खरीदनी या रिन्यू करनी हो, तो कार इंश्योरेंस प्रीमियम कैलकुलेटर का इस्तेमाल अवश्य करें और ऑनलाइन सर्वश्रेष्ठ डील पाएं. बीमा आग्रह की विषयवस्तु है. लाभों, शामिल न की गई चीज़ों, सीमाओं, नियम और शर्तों के बारे में अधिक जानकारी के लिए, कृपया इंश्योरेंस खरीदने से पहले सेल्स ब्रोशर/पॉलिसी डॉक्यूमेंट को ध्यान से पढ़ें.  

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