सुझाव
Health Blog
01 दिसंबर 2021
88 Viewed
Contents
मोटापा, दुनिया भर में बढ़ती चिंता की एक वजह बन चुका है. मोटापा बढ़ने से जुड़े कुछ कारणों में खान-पान से जुड़ी अस्वस्थ आदतें, सुस्त लाइफस्टाइल, प्रोसेस्ड फूड प्रॉडक्ट पर निर्भरता में बढ़ोत्तरी आदि हैं. ICMR-INDIAB द्वारा 2015 में किए गए अध्ययन से पता चलता है कि पेट की चर्बी, हृदय रोग को बढ़ावा देने वाले प्रमुख कारकों में से एक है. इस अध्ययन में यह भी बताया गया है कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं में मोटापा अधिक पाया जाता है.
अधिक मोटापे की वजह से स्वास्थ्य से जुड़े बड़े खतरे हो सकते हैं और उनके लिए सर्जरी करवाने की आवश्यकता हो सकती है. इस प्रोसीज़र को ही बेरियाट्रिक सर्जरी के नाम से जाना जाता है. जिसका सुझाव डॉक्टर वज़न घटाने के मानक तरीकों, जैसे- डाइटिंग, रूटीन और मुश्किल एक्सरसाइज़ जैसे उपायों के असफल होने के बाद देते हैं.
मौजूदा समय में, मेडिकल प्रोफेशनल तीस साल पुराने मानदंडों का पालन करते हैं, जिसके तहत बेरियाट्रिक सर्जरी के लिए किसी व्यक्ति का बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) 40 या उससे अधिक होना चाहिए. या ऐसे लोग जिनका बीएमआई 35 या उससे अधिक है, लेकिन उन्हें टाइप 2 डायबिटीज़, अधिक ब्लड प्रेशर, दिल की बीमारियां या स्लीप एप्निया जैसी जानलेवा बीमारियां भी हैं. इसके अलावा, बहुत से डॉक्टरों का सुझाव है कि बेरियाट्रिक सर्जरी के लिए बीएमआई के मानदंड को 30 कर देना चाहिए. यह उन लोगों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है, जिन्हें उपरोक्त जानलेवा बीमारियां हैं. कई मरीज़ हेल्दी लाइफस्टाइल और अच्छी डाइट को अपनाने के बजाय वज़न कम करने के लिए बेरियाट्रिक सर्जरी का सहारा लेते हैं और सर्जरी के तुरंत बाद उनका वज़न बढ़ जाता है. इसे भी पढ़ें: 7 हेल्दी फूड्स, जिन्हें आपको अपनी डाइट में जोड़ना चाहिए
हां, बेरियाट्रिक सर्जरी के बाद पेशेंट का वज़न दोबारा ना बढ़े, इसके लिए उन्हें अपने रोज़मर्रा के जीवन में एक्सरसाइज़ के साथ उचित डाइट प्लान का भी पालन करना पड़ता है. बेरियाट्रिक सर्जरी, मोटापे के ऐसे गंभीर मामलों के लिए सुरक्षित विकल्प है, जिनमें वज़न घटाने के सभी प्रयास असफल हो चुके हों.
हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के प्रकार, जैसे-., परिवार के लिए हेल्थ इंश्योरेंस प्लान or individual covers determines what is covered by the policy or not. Generally, most insurance companies accept claims for such bariatric treatment however, you must check your medical insurance policy’s scope. The bariatric treatment is expensive, and its costs lie in the range of ?2.5 lakhs to ?5 lakhs. It is also dependent on factors like type of surgery, severity of the treatment, surgeons fee, the medical facility selected, instruments used, consultants on-board, anaesthesia and other follow-up procedures. To tackle such high cost of treatment, it is best to make an इंश्योरेंस क्लेम फाइल करें, जो इन सभी खर्चों को कवर करेगा और इससे आपको फाइनेंस की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है, आप रिकवरी पर ध्यान दे सकते हैं. * मानक नियम व शर्तें लागू
किसी भी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में ट्रीटमेंट के लिए प्रदान किया जाने वाला कवरेज इंश्योरेंस प्लान के नियम और शर्तों के अधीन सीमित होता है. 30 दिनों की शुरुआती प्रतीक्षा अवधि, जो आपकी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी से संबधित है. उसमें बेरियाट्रिक ट्रीटमेंट के लिए किए जाने वाले किसी भी क्लेम को अस्वीकृत कर दिया जाता है. इसके अलावा, पहले से मौजूद किसी भी बीमारी से संबंधित क्लेम, ऐसे ट्रीटमेंट के तहत कवर नहीं किए जाते हैं. * मानक नियम व शर्तें लागू. एक ओर जहां बेरियाट्रिक ट्रीटमेंट मोटापे से निपटने का अंतिम चरण है, वहीं दूसरी तरफ यह मोटापे के कारण होने वाली मृत्यु से बचाव का प्रभावी तरीका भी है. यह अपने स्वास्थ्य को वापस पटरी पर लाने का एक बेहतर तरीका है. बीमा आग्रह की विषयवस्तु है. लाभों, शामिल न की गई चीज़ों, सीमाओं, नियमों और शर्तों के बारे में और जानकारी के लिए, कृपया खरीद पूरी करने से पहले सेल ब्रोशर/पॉलिसी शब्दावली को ध्यान से पढ़ें.
GST waiver makes retail individual health, PA and travel insurance including family floater policies 18% cheaper from 22nd September 2025. Secure your health at an affordable price