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EV Subsidies in India
20 फरवरी, 2023

भारत में ईवी सब्सिडी: कार, बाइक, स्कूटर और कमर्शियल वाहनों के लिए प्रोत्साहन

इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा देने और फॉसिल फ्यूल संचालित वाहनों पर निर्भरता घटाने के लिए, भारत सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहन नीति पेश की. इस नीति का उद्देश्य इस बारे में जागरूकता बढ़ाना है कि इलेक्ट्रिक वाहन किस प्रकार अधिक लाभदायक और बेहतर हैं. इस नीति के तहत इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर सब्सिडी दी जाती है, ताकि अधिक से अधिक लोग इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने को आकर्षित हों. अगर आप इलेक्ट्रिक वाहन खरीदना चाहते हैं, तो साथ में इलेक्ट्रिक वाहन इंश्योरेंस खरीदना न भूलें. आइए इस नीति और इसके तहत मिलने वाले लाभों की और जानकारी देखें.

इलेक्ट्रिक वाहन क्या है?

इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) एक प्रकार का वाहन है जो पेट्रोल या डीज़ल जैसे फॉसिल फ्यूल की बजाए इलेक्ट्रिक करंट पर चलता है. फॉसिल फ्यूल चालित वाहनों में इंटरनल कंबस्शन इंजन (आईसीई) फॉसिल फ्यूल जलाकर खुद को और वाहन को पॉवर देता है. ईवी में, इलेक्ट्रिक बैटरी से वाहन को पॉवर मिलती है. ईवी में लगे इंजन से धुआं या गैसें नहीं निकलती हैं, जिससे पलूशन घटता है. फुली इलेक्ट्रिक व्हीकल और हायब्रिड इलेक्ट्रिक व्हीकल, ईवी के दो प्रमुख प्रकार हैं.

भारत में इलेक्ट्रिक वाहन नीति

भारत सरकार ने देश में सार्वजनिक और निजी परिवहन को इलेक्ट्रिफाई करने का एक रोडमैप तैयार किया. भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की सरकारी नीतियों में से एक नीति के तहत, फेम (एफएएमई) स्कीम शुरू की गई. इसका पूरा नाम है फास्टर अडॉप्शन एंड मैनुफेक्चर ऑफ इलेक्ट्रिक एंड हायब्रिड व्हीकल्स इन इंडिया. इस स्कीम के तहत, इलेक्ट्रिक वाहन बनाने वाली कंपनियों और सप्लायर्स को विभिन्न प्रोत्साहन दिए जाते हैं.

फेम स्कीम क्या है?

2015 में शुरू हुई फेम स्कीम भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन और बिक्री को बढ़ावा देने के लिए तैयार की गई थी. इलेक्ट्रिक बाइक, कारों और कमर्शियल वाहनों की वृद्धि और बिक्री को बढ़ावा देने के लिए, निर्माता कंपनियों को भारी प्रोत्साहन दिए गए. 1st चरण फेम स्कीम का वर्ष 2015 में शुरू हुआ था, जो 31st मार्च 2019. 2nd चरण फेम स्कीम का अप्रैल 2019 में शुरू हुआ था, जो 31st मार्च 2024.

इस स्कीम की विशेषताएं क्या हैं?

ये विशेषताएं 1st फेज:
  1. मांग पैदा करना, टेक्नोलॉजी पर फोकस करना, और चार्जिंग स्टेशनों के लिए बुनियादी ढांचा बनाना.
  2. 1st चरण में सरकार ने लगभग 427 इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन इंस्टॉल किए.
ये विशेषताएं 2nd फेज:
  1. सार्वजनिक परिवहन के इलेक्ट्रिफिकेशन पर ज़ोर.
  2. रु. 10,000 करोड़ का सरकारी बजट.
  3. इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर के लिए, 10 लाख रजिस्टर्ड वाहनों को रु. 20,000 प्रति वाहन की दर से प्रोत्साहन राशि.

फेम सब्सिडी क्या है?

फेम स्कीन के चरण 2 मेंnd विभिन्न राज्य इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए सब्सिडी दे रहे हैं. इलेक्ट्रिक स्कूटर और बाइक पर सब्सिडी देने वाले राज्यों की लिस्ट नीचे है:
राज्य सब्सिडी (प्रति केडब्ल्यूएच) अधिकतम सब्सिडी रोड टैक्स पर छूट
महाराष्ट्र रु. 5000 रु. 25,000 100%
गुजरात रु. 10,000 रु. 20,000 50%
पश्चिम बंगाल रु. 10,000 रु. 20,000 100%
कर्नाटक - - 100%
तमिलनाडु - - 100%
उत्तर प्रदेश - - 100%
बिहार* रु. 10,000 रु. 20,000 100%
पंजाब* - - 100%
केरल - - 50%
तेलंगाना - - 100%
आंध्रप्रदेश - - 100%
मध्य प्रदेश - - 99%
ओडिशा NA रु. 5000 100%
राजस्थान रु. 2500 रु. 10,000 NA
असम रु. 10,000 रु. 20,000 100%
मेघालय रु. 10,000 रु. 20,000 100%
*बिहार और पंजाब में फिलहाल नीति को अप्रूवल नहीं मिला है. नीचे उन राज्यों की लिस्ट है जो कारों और एसयूवी पर सब्सिडी दे रहे हैं:
राज्य सब्सिडी (प्रति केडब्ल्यूएच) अधिकतम सब्सिडी रोड टैक्स पर छूट
महाराष्ट्र रु. 5000 2,50,000रूपये 100%
गुजरात रु. 10,000 1,50,000रूपये 50%
पश्चिम बंगाल रु. 10,000 1,50,000रूपये 100%
कर्नाटक - - 100%
तमिलनाडु - - 100%
उत्तर प्रदेश - - 75%
बिहार* रु. 10,000 1,50,000रूपये 100%
पंजाब* - - 100%
केरल - - 50%
तेलंगाना - - 100%
आंध्रप्रदेश - - 100%
मध्य प्रदेश - - 99%
ओडिशा NA 1,00,000रूपये 100%
राजस्थान - - NA
असम रु. 10,000 1,50,000रूपये 100%
मेघालय रु. 4000 रु. 60,000 100%

कमर्शियल इलेक्ट्रिक वाहनों पर सब्सिडी

फेम स्कीम के तहत कमर्शियल वाहनों, जैसे ई-बस, रिक्शा और अन्य वाहनों को भी सब्सिडी का लाभ मिला. ये सब्सिडी इस प्रकार हैं:
  1. ई-बसों की खरीद को बढ़ाने के लिए राज्य परिवहन निगमों को प्रति kWh रु. 20,000 का प्रोत्साहन दिया जाता है. यह सब्सिडी ओईएम द्वारा लगाई गई बोलियों के अधीन है.
  2. रु. 2 करोड़ से कम लागत वाली ई-बसें और रु. 15 लाख से कम लागत वाले कमर्शियल हाइब्रिड वाहन इस प्रोत्साहन के पात्र हैं
  3. रु. 5 लाख से कम कीमत वाले ई-रिक्शा या अन्य इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर भी इस प्रोत्साहन के पात्र हैं

इलेक्ट्रिक वाहन और इंश्योरेंस

भारत सरकार देश में इलेक्ट्रिक वाहन नीति को ज़ोरों से बढ़ावा दे रही है, लेकिन इलेक्ट्रिक वाहन इंश्योरेंस के मामले में जागरुकता अभी भी कम है. वाहन के बिल्ड और उसमें इस्तेमाल टेक्नोलॉजी के कारण, यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने इलेक्ट्रिक वाहन को इंश्योरेंस पॉलिसी की मदद से इंश्योर्ड ज़रूर करें. जैसे, अगर आप इलेक्ट्रिक कार खरीदते हैं और दुर्घटना में उसे डैमेज होता है, तो मरम्मतों की लागत आप पर बड़ा फाइनेंशियल बोझ डाल सकती हैं. अगर कार के किसी बड़े कंपोनेंट को डैमेज होता है तो यह बोझ और भी बड़ा होगा. अपनी कार को इलेक्ट्रिक कार इंश्योरेंस की मदद से इंश्योर्ड करने का यह मतलब है कि आपको मरम्मतों की लागत के बारे में चिंता नहीं करनी पड़ेगी. इसी प्रकार, अगर आपकी इलेक्ट्रिक बाइक को बाढ़ में डैमेज होता है और उसके कारण वह ठीक से काम करने लायक नहीं रहती है, तो उसमें लगी आपकी पूरी रकम डूब सकती है. हालांकि, आपका इलेक्ट्रिक बाइक इंश्योरेंस यह सुनिश्चित कर सकता है कि आपके वाहन का टोटल लॉस हो जाने पर भी आपको फाइनेंशियल भरपाई मिले*. अगर आपके पास ई-रिक्शा है और उससे किसी थर्ड-पार्टी वाहन को डैमेज होता है और किसी को चोट लगती है, तो मरम्मतों और मेडिकल ट्रीटमेंट की लागत आपको देनी होगी. इलेक्ट्रिक कमर्शियल व्हीकल इंश्योरेंस की मदद से अपना कमर्शियल वाहन इंश्योर्ड करने से न केवल थर्ड पार्टी को उसके वाहन को हुए डैमेज के लिए भरपाई मिलेगी, बल्कि चोटिल व्यक्ति को उसके मेडिकल ट्रीटमेंट के लागत की भरपाई भी मिलेगी*.

संक्षेप में

इन सब्सिडी के साथ, अब आपको इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए ज़्यादा सोचने की ज़रूरत नहीं है. आप मिलने वाली फाइनेंशियल सुरक्षा पा सकते हैं, अगर आपके पास है इलेक्ट्रिक वाहन इंश्योरेंस.   *मानक नियम व शर्तें लागू बीमा आग्रह की विषयवस्तु है. लाभों, शामिल न की गई चीज़ों, सीमाओं, नियम और शर्तों के बारे में अधिक जानकारी के लिए, कृपया इंश्योरेंस खरीदने से पहले सेल्स ब्रोशर/पॉलिसी डॉक्यूमेंट को ध्यान से पढ़ें.  

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