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भारत में इलेक्ट्रिक स्कूटर/बाइक पर राज्यवार सब्सिडी

  • Motor Blog

  • 25 फरवरी 2023

  • 67 Viewed

Contents

  • इलेक्ट्रिक वाहन क्या है?
  • भारत की इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी क्या है?
  • इस स्कीम की विशेषताएं क्या हैं?
  • फेम सब्सिडी क्या है?
  • यह सब्सिडी कैसे काम करती है?
  • यह स्कीम आपको कैसे लाभ पहुंचाती है?
  • संक्षेप में

प्रत्येक वर्ष तापमान में हो रही वृद्धि के साथ, हम सभी ग्लोबल वॉर्मिंग के प्रभावों के गवाह बन रहे हैं. अत्यधिक गर्मी, बिन मौसम बरसात, जानलेवा बाढ़ और अचानक पड़ रहे सूखे इसके कुछ संकेत हैं. हालांकि इस समस्या से निपटने के लिए वैश्विक स्तर पर सम्मेलन और चर्चाएं की जा रही हैं, लेकिन उन समाधानों को पूरी तरह से लागू करने में समय लगेगा. लेकिन, कुछ तात्कालिक समाधान भी हैं, जिन्हें आप लागू कर सकते हैं. भारत इलेक्ट्रिक वाहनों, विशेषकर इलेक्ट्रिक बाइकों और स्कूटरों के लिए बढ़ते मार्केट में से एक है. जबकि आपको सड़क पर मिलने वाले अधिकांश टू-व्हीलर फ्यूल से चलते दिखेंगे, लेकिन ऐसे लोगों की संख्या बढ़ रही है जो इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर में स्विच कर रहे हैं. इस पहल को आगे बढ़ाने के लिए, भारत सरकार ने कई स्कीमों की शुरुआत की है. इस इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी भारत की एक ऐसी स्कीम है जो इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं और खरीदारों को सब्सिडी निर्दिष्ट करती है. इस पॉलिसी और इसके तहत मिलने वाली सब्सिडी से संबंधित अधिक जानकारी नीचे दी गई है.

इलेक्ट्रिक वाहन क्या है?

इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) एक प्रकार का वाहन है, जो पेट्रोल या डीजल जैसे जीवाश्म ईंधन (फॉसिल फ्यूल) के बजाय बैटरी पावर से चलता है. एक पारंपरिक वाहन में, इंटरनल कंबस्शन इंजन (आईसीई) अपने लिए तथा वाहन को पावर देने के लिए फ्यूल का इस्तेमाल करता है. ईवी में, इलेक्ट्रिक बैटरी से वाहन को पावर मिलती है. ईवी में लगे इंजन से धुआं या गैसें नहीं निकलती हैं, जिससे प्रदूषण घटता है. फुली इलेक्ट्रिक व्हीकल और हायब्रिड इलेक्ट्रिक व्हीकल, ईवी के दो प्रमुख प्रकार हैं.

भारत की इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी क्या है?

जैसा कि पहले बताया गया है, भारत में सार्वजनिक और निजी परिवहन को इलेक्ट्रिफाई करने के लिए भारत सरकार ने एक रोडमैप तैयार किया है. भारत की इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी में पेश की गई विभिन्न चीज़ों में से एक है - फास्टर अडॉप्शन एंड मैनुफेक्चर ऑफ इलेक्ट्रिक एंड हायब्रिड व्हीकल्स इन इंडिया - जिसे संक्षिप्त रूप में फेम स्कीम कहा जाता है. इस स्कीम के तहत, निर्माताओं, सप्लायर्स और खरीदारों को विभिन्न प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है.

फेम स्कीम क्या है?

2015 में शुरू हुई फेम स्कीम भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन और बिक्री को बढ़ावा देने के लिए तैयार की गई थी. क्योंकि भारत के ईवी मार्केट में प्रमुख हिस्सेदारी टू- और थ्री-व्हीलर्स की है, इसलिए इनके निर्माताओं को अधिक प्रोत्साहन राशि प्रदान किए गए. फेम स्कीम का पहला चरण 2015 में शुरू किया गया था और इसकी समाप्ति अवधि थी 31st मार्च 2019. इस स्कीम का दूसरा चरण अप्रैल 2019 में शुरू किया गया था और जिसकी समाप्ति तिथि है 31st मार्च 2024.

इस स्कीम की विशेषताएं क्या हैं?

पहले चरण की निम्नलिखित विशेषताएं थीं:

  1. मांग पैदा करना, टेक्नोलॉजी पर फोकस करना, और चार्जिंग स्टेशनों के लिए बुनियादी ढांचा बनाना.
  2. 1st चरण के दौरान, सरकार द्वारा 427 चार्जिंग स्टेशन बनाए गए.

दूसरे चरण की निम्नलिखित विशेषताएं हैं:

  1. सार्वजनिक परिवहन के इलेक्ट्रिफिकेशन पर ज़ोर.
  2. रु. 10,000 करोड़ का सरकारी बजट.
  3. इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर के लिए, 10 लाख रजिस्टर्ड वाहनों को रु. 20,000 प्रति वाहन की दर से प्रोत्साहन राशि.

फेम सब्सिडी क्या है?

फेम स्कीम के दूसरे चरण में, विभिन्न राज्यों ने इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स के लिए सब्सिडी प्रदान की है. नीचे उन राज्यों की लिस्ट दी गई है, जो टू-व्हीलर पर सब्सिडी प्रदान कर रहे हैं:

StateSubsidy (per kWh)Maximum subsidyRoad tax exemption
MaharashtraRs.5000Rs.25,000100%
GujaratRs.10,000Rs.20,00050%
West BengalRs.10,000Rs.20,000100%
Karnataka--100%
Tamil Nadu--100%
Uttar Pradesh--100%
Bihar*Rs.10,000Rs.20,000100%
Punjab*--100%
Kerala--50%
Telangana--100%
Andhra Pradesh--100%
Madhya Pradesh--99%
OdishaNARs.5000100%
RajasthanRs.2500Rs.10,000NA
AssamRs.10,000Rs.20,000100%
MeghalayaRs.10,000Rs.20,000100%

*पॉलिसी अभी तक बिहार और पंजाब में अप्रूव नहीं की गई है. इस उदाहरण से समझें: अगर आप महाराष्ट्र राज्य में इलेक्ट्रिक स्कूटर खरीदना चाहते हैं, तो आपको न्यूनतम रु. 5000 की सब्सिडी दी जाएगी. इसलिए, अगर स्कूटर की कीमत रु. 1,15,000 है, तो सब्सिडी इसे कम करके रु. 1,10,000 कर देगी. अगर रु. 20,000 की अधिकतम सब्सिडी दी जाती है, तो यह कीमत कम होकर रु. 90,000 रह जाएगी.

यह सब्सिडी कैसे काम करती है?

नीचे दिए गए चरणों में बताया गया है कि फेम सब्सिडी कैसे काम करती है:

  1. चेक करें कि आप जिस इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर को खरीदना चाहते हैं, वह फेम सब्सिडी के लिए पात्र है या नहीं.
  2. अगर स्कूटर का निर्माता फेम स्कीम के साथ रजिस्टर्ड है, तो आप सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं. अगर वे इसके साथ रजिस्टर्ड नहीं हैं, तो आपको कोई सब्सिडी नहीं मिलेगी.
  3. आपको दिया गया कोटा, लागू सब्सिडी पर आधारित होगा.
  4. आप जिस डीलर से स्कूटर खरीदेंगे, वह इस खरीद का विवरण निर्माता के पास भेजेगा.
  5. निर्माता इन विवरणों को नेशनल ऑटोमोटिव बोर्ड (एनएबी) के पास भेजेगा, जो इस सब्सिडी स्कीम को मैनेज करता है.
  6. सभी विवरणों के सत्यापित हो जाने के बाद, सब्सिडी निर्माता के पास भेज दी जाती है, जो इसे आगे डीलर के पास भेज देता है.

यह स्कीम आपको कैसे लाभ पहुंचाती है?

सब्सिडी के कारण लागत कम होने के अलावा, आपको रोड टैक्स से भी छूट मिलती है. इससे आपकी बचत और बढ़ जाती है. दूसरा लाभ है आपके इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर के लिए किफायती बाइक बीमा की उपलब्धता. इसकी कीमतें आपके टू-व्हीलर की क्षमता पर आधारित होती हैं. क्षमता जितनी कम होगी, प्रीमियम उतना ही कम होगा. आप टू व्हीलर इंश्योरेंस प्रीमियम कैलकुलेटर का उपयोग कर सकते हैं और जो टू-व्हीलर आप खरीदना चाहते हैं, उसके लिए कोटेशन प्राप्त कर सकते हैं. *

संक्षेप में

जब आप इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर खरीदते हैं, तो यह पॉलिसी और फेम स्कीम आपको और पर्यावरण दोनों को लाभ पहुंचाती है. अगर आप अपने पसंदीदा ब्रांड के बाइक इंश्योरेंस की कीमतों के बारे में जानना चाहते हैं, तो आप अपने नज़दीकी इंश्योरेंस सलाहकार से संपर्क कर सकते हैं. *मानक नियम व शर्तें लागू बीमा आग्रह की विषयवस्तु है. लाभों, शामिल न की गई चीज़ों, सीमाओं, नियम और शर्तों के बारे में अधिक जानकारी के लिए, कृपया इंश्योरेंस खरीदने से पहले सेल्स ब्रोशर/पॉलिसी डॉक्यूमेंट को ध्यान से पढ़ें.

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