सुझाव
Motor Blog
02 मई 2023
176 Viewed
Contents
आप सेकेंड-हैंड कार खरीदने को तैयार हैं, और आपने अपनी पसंदीदा कार चुन भी ली है. अब आप एक अच्छा सेलर ढूंढ़ रहे होंगे और कीमत पर मोलभाव कर रहे होंगे. अब आप अपने नाम पर कार रजिस्ट्रेशन ट्रांसफर कराएंगे. इसके बाद अब बस एक और ज़रूरी काम बचा है, जो है कार इंश्योरेंस पॉलिसी को पिछले मालिक से अपने नाम में ट्रांसफर कराना. अधिकांश लोगों को कार इंश्योरेंस ट्रांसफर प्रोसेस की पूरी जानकारी नहीं होती. इसलिए, हम इस आर्टिकल में आपको बताएंगे कि यह क्या है और इससे आपको क्या लाभ मिलते हैं.
कार इंश्योरेंस ट्रांसफर एक ऐसा प्रोसेस है, जिसमें आपकी कार इंश्योरेंस पॉलिसी, वाहन के मौजूदा मालिक से नए मालिक के नाम में ट्रांसफर या पास की जाती है. मोटर वाहन अधिनियम के सेक्शन 157 के अनुसार ट्रांसफर प्रोसेस अनिवार्य है, और दोनों पार्टी के लिए ट्रांज़ैक्शन की तिथि से 14 दिनों के भीतर कार इंश्योरेंस पॉलिसी ट्रांसफर करना आवश्यक है. अगर मौजूदा इंश्योरेंस 3rd पार्टी कार इंश्योरेंसहै, तो यह 14 दिनों के लिए ऐक्टिव रहता है. अगर वह कम्प्रीहेंसिव पॉलिसी है, तो इन 14 दिनों में केवल थर्ड-पार्टी पार्ट को ही ऑटोमैटिक रूप से ट्रांसफर हुआ माना जाता है. अगर 14 दिन की अवधि का पालन नहीं होता है, और खरीदार इस समय-सीमा के भीतर कार इंश्योरेंस पॉलिसी को अपने नाम पर ट्रांसफर नहीं करा पाता है, तो ऑटोमैटिक थर्ड-पार्टी कवर ट्रांसफर कैंसल हो जाता है, और भविष्य में उसके क्लेम अस्वीकार हो जाते हैं.
आप सोच रहे होंगे कि ट्रांसफर प्रोसेस इतना आवश्यक क्यों है. आइए इसे एक उदाहरण से समझें - मान लें कि आपने एक सेकेंड-हैंड वाहन खरीदा और रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरा कर लिया, लेकिन आपने कार इंश्योरेंस को वाहन के पिछले मालिक से अपने नाम पर ट्रांसफर नहीं कराया. अब मान लें कि एक महीने या उसके बाद, आपके साथ एक दुर्घटना हो जाती है, जिसमें आपका वाहन एक दूसरे वाहन से टकरा जाता है. आपको दूसरे वाहन के नुकसान की भरपाई करनी होगी और कार इंश्योरेंस कंपनी के पास क्लेम करना होगा. लेकिन क्योंकि आपने पिछले वाहन मालिक से कार इंश्योरेंस पॉलिसी को ट्रांसफर नहीं कराया है, इसलिए इंश्योरेंस कंपनी आपका क्लेम अस्वीकार कर देगी. इसलिए, आपको कार इंश्योरेंस को वाहन के नए मालिक के रूप में अपने नाम पर ट्रांसफर कराना होगा. अगर आप विक्रेता हैं, तो भी यह प्रोसेस आपके लिए इतना ही आवश्यक है. वाहन से नुकसान या दुर्घटना होने के मामले में आपको भी जवाबदेह ठहराया जा सकता है. इसलिए, आप वाहन के नए मालिक द्वारा थर्ड पार्टी को हुए नुकसान या प्रॉपर्टी डैमेज की भरपाई के लिए कानूनी रूप से बाध्य हो सकते हैं. अगर आप विक्रेता हैं, तो आपके पास नो क्लेम बोनस का अतिरिक्त लाभ भी है. इंश्योरेंस कंपनियां उन पॉलिसीधारकों को नो क्लेम बोनस देती हैं, जिन्होंने पिछले पॉलिसी वर्ष में एक भी क्लेम नहीं किया है. अगर आपके पास नो क्लेम बोनस जमा है, लेकिन आप इंश्योरेंस नए मालिक को ट्रांसफर नहीं करते हैं, तो आपको दूसरी कार खरीदने पर उसके इंश्योरेंस पर मिलने वाला डिस्काउंट नहीं मिलेगा. *
अगर आपके पास कार इंश्योरेंस पॉलिसी के साथ कार का ओरिजिनल रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट है, तो आप इंश्योरेंस पॉलिसी के ओनरशिप को ट्रांसफर करने के लिए नीचे दिए गए प्रोसेस का पालन कर सकते हैं:
अगर आप थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के ओनरशिप को दूसरे पार्टी के पास ट्रांसफर करना चाहते हैं, तो भी आपको ऊपर लिखे चरणों का ही पालन करना होगा.
अपने नाम पर यूज़्ड कार इंश्योरेंस ट्रांसफर करने के लिए, इन चरणों का पालन करें:
Now that you know the importance of the car insurance transfer process and how to transfer your policy, go ahead and get started on it - whether you are a buyer or a seller. Everyone benefits from this transfer process, and it is essential to mark it done the moment a vehicle is bought or sold. * मानक नियम व शर्तें लागू बीमा आग्रह की विषयवस्तु है. लाभों, शामिल न की गई चीज़ों, सीमाओं, नियम और शर्तों के बारे में अधिक जानकारी के लिए, कृपया इंश्योरेंस खरीदने से पहले सेल्स ब्रोशर/पॉलिसी डॉक्यूमेंट को ध्यान से पढ़ें.
3177 Viewed
5 mins read
20 अक्टूबर 2024
175 Viewed
5 mins read
16 नवंबर 2024
49 Viewed
5 mins read
15 दिसंबर 2025
95 Viewed
5 mins read
07 Jan 2022
What makes our insurance unique
With Motor On-The-Spot, Health Direct Click, etc we provide fast claim process , Our sales toll free number:1800-209-0144